मुंबई। गवर्नर रघुराम राजन ने मार्च तक मुद्रास्फीति लक्ष्य से उपर रहने के जोखिम का जिक्र करते हुए नीतिग दरों में कोई बदलाव नहीं किया, हालाकि उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक का नीतिगत रख उदार बना हुआ है।। मौद्रिक नीति की द्वैमासिक समीक्षा व्यवस्था में राजन के कार्यकाल की आज यह आखिरी बैठक थी और ज्यादातर विश्लेषकों ने वर्तमान आंतरिक व वाह्य परिस्थितियों को ध्यान में रख कर यही अनुमान लागया था कि राजन नीतिगत ब्याज दर में फिलहाल बदलाव नहीं करेंगे।
रिजर्व बैंक ने आगामी मार्च तक मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। राजन ने चालू वित्त वर्ष की मौद्रिक नीति की तीसरी द्वैमासिक समीक्षा में कहा रिजर्व बैंक के लिए इस वक्त रेपो दर अपरिवर्तित रखना और नीतिगत पहल की गुंजाइश के लिए अभी इंतजार करना उचित है। मौद्रिक नीति का रख उदार बना हुआ है और (केंद्रीयबैंक) धन की उपलब्धता के पर्याप्त प्रावधान पर जोर देता रहेगा। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को उनकी फौरी जरूरत के लिए धन उधार देता है।
यह इस समय 6.5 प्रतिशत है। इसी के अनुसार रिवर्स रेपो छह प्रतिशत पर बनी हुई है। बैंक ने आरक्षित नकदी-अनुपात (सीआरआर) भी चार प्रतिशत पर बरकार रखा है। सीआरआर के तहत बैंकों को अपने पास जामा राशियों का निर्धारित हिस्सा केंद्रीय बैंक के नियंत्रण में रखना पड़ता है और इस पर उन्हें ब्याज नहीं मिलता।
राजन ने कहा कि खाद्य मुद्रास्फीति, सेवाओं की महंगाई और सरकारी कर्मचारियों को सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के असर के कारण जोखिम है कि मार्च 2017 तक खुदरा मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत तक सीमित रखने के लक्ष्य के उपर रह सकती है। जून में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 22 महीने के उच्चतम स्तर 5.8 प्रतिशत पर पहुंच गई। आरबीआई ने कहा कि जोरदार बुवाई और मानसून की सकारात्मक प्रगति खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी के लिए अच्छा संकेत है हालांकि दालों और अनाजों की कीमत बढ़ रही है।