नई दिल्ली। फ्लाइट में सफर करने वाले यात्रियों के लिए खुशखबरी है। आज से फ्लाइट का टिकट कैंसल कराना सस्ता हो गया है। यही नहीं, टिकट, हर्जाने और रिफंड से संबंधित और भी कुछ नए नियम आपके काम के हैं। इसके अलावा यदि किसी कारणवश एयरलाइन्स की ओर से उड़ान रद्द होने या बोर्डिंग से मना किए जाने पर भी यात्रियों को ज्यादा रिफंड और हर्जाना मिलेगा।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने सिविल एविएशन रेगुलेशन (सीएआर) में संशोधन किया है जोकि 1 अगस्त 2016 यानी आज से लागू हो रहा है। तय किए गए नए नियमों के मुताबिक यात्रियों को टिकट कैंसल कराने पर एयरलाइंस सभी वैधानिक कर तथा उपभोक्ता विकास शुल्क, हवाई अड्डा विकास शुल्क समेत यात्री सेवा शुल्क वापस करेंगी। सभी प्रकार के ऑफर्स के तहत बुक कराए गए टिकटों पर भी यह नियम लागू होगा और उन टिकटों पर लागू होगा जिनमें मूल किराया नॉन-रिफंडेबल बताया गया हो।
एयरलाइन्स रिफंड प्रक्रिया के नाम पर प्रॉसेसिंग फीस भी नहीं मांग सकेंगी। नए नियम के मुताबिक किसी यात्री ने अगर नकद भुगतान टिकट बुक करवाया है तो कैंसल होने पर पैसा हाथों-हाथ मिल जाएगा। अगर क्रेडिट कार्ड से टिकट कराया है तो इसे कैंसल कराने के 7 दिनों में कार्ड अकाउंट में पैसा वापस हो जाएगा। एजेंट या पोर्टल से टिकट से अधिकतम 30 दिन में रिफंड होगा।
सीट से ज्यादा बुकिंग करने और इसके बाद बोर्डिंग से मना कर देने पर अब एयरलाइंस को 20 हजार रुपए तक हर्जाना देना होगा। पहले यह सीमा चार हजार रुपए थी। मगर एयरलाइंस बोर्डिंग से मना करने के बाद एक घंटे के भीतर की दूसरी उड़ान में यात्री को सीट मुहैया करवा देती है तो उसे कोई हर्जाना नहीं देना होगा। यदि तय समय से एक घंटे के बाद, लेकिन 24 घंटे से पहले के किसी उड़ान में वह सीट उपलब्ध करवाती है तो मूल किराया और ईंधन सरचार्ज का 200 प्रतिशत हर्जाना देना होगा। हालांकि, यह राशि अधिकतम 10 हजार रुपए होगी।