नई दिल्ली। एक जमाने में इंटरनेट की दुनिया का सबसे मशहूर सर्च इंजन याहू अब इतिहास बनने की कगार पर है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, वेराइजन कम्यूनिकेशन 33,500 करोड़ रुपए में याहू के कोर बिजनस को खरीद चुका है। अमेरिका की टेलीकम्यूनिकेशन कंपनी वेराइजन लगभग 33,574 करोड़ में याहू को खरीदने का ऐलान आज कर सकती है।
क्या है सौदे की खास बातें
वेराइजन कम्यूनिकेशन इंक आज शाम को 5 बिलियन डॉलर में याहू को खरीदने के करार की घोषणा कर सकता है। हालांकि वेराइजन और याहू ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इंकार किया है। खबरों के मुताबिक वेराइजन याहू का कोर इंटरनेट बिजनेस खरीदने वाली है लेकिन इसमें याहू के पेटेंट शामिल नहीं होंगे। सूत्रों ने ये भी जानकारी दी कि याहू अपने नॉन कोर इंटेक्लेचुएल प्रॉपर्टी राइट्स को भी इस सौदे से अलग से बेचेगा।
याहू का इतिहास
1994 में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों ने जेरी यांग और डेविड फिलो ने याहू की स्थापना की थी। गूगल के आने से पहले याहू ही एक मात्र सर्च इंजन था। 24,700 करोड़ रुपये के मार्केट कैप वाली ये कंपनी सबसे पहले मेल और मेसेंजर सेवाएं देने वाली कंपनी थी जिसने आने के कुछ सालों के भीतर ही इंटरनेट की दुनिया पर अपना सिक्का जमा लिया था। लेकिन गूगल के आने के बाद इसे कड़ी टक्कर मिली और आज दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन गूगल ही है। याहू के साथ इस सौदे से वेराइजन को याहू के लाखों यूजर्स का फायदा मिलेगा।