कोलकाता। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस तथा इस्पात मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने शनिवार को कहा कि मिशन पूर्वोदय भारतीय अर्थव्यस्था को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में मददगार साबित होगा। प्रधान यहां मिशन पूर्वोदय का शुभारंभ कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘‘चाहे देश की आजादी के आनंदोलन की बात या सामाजिक सुधार की, पूर्वोत्तर भारत ने देश का नेतृत्व किया है। पूर्वोत्तर भारत असीम अवसरों की भूमि है। प्राकृतिक संसाधनों से सम्पन्न होने के बावजूद यह क्षेत्र देश के अन्य हिस्सों की तुलना में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा है।
आज हम इस्पात क्षेत्र में पूर्वोदय की शुरुआत कर रहे हैं और मुझे उम्मीद है कि एकीकृत इस्पात केंद्र के जरिये इस्पात क्षेत्र में तीव्र गति से विकास से पूर्वोत्तर भारत के विकास की एक नयी कहानी शुरू होगी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ प्रधानमंत्री के नेतृत्व में हमारी सरकार ने पूर्वोत्तर भारत के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है। इस क्षेत्र के कई जिले सामाजिक-आर्थिक विकास के केंद्र में हैं। हमारी सरकार लगभग 102 लाख करोड़ की लागत से राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा योजना लेकर आ रही है।
बात चाहे जलमार्ग, पोत-परिवहन, हवाई या सड़क मार्ग की हमारी सरकार अभूतपूर्व गति से बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है। पूर्वोत्तर भारत में बुनियादी ढांचा विकसित पर हमारी सरकार का विशेष ध्यान है।’’ पेट्रोलियम मंत्री ने कहा कि 21 वीं सदी ज्ञान तथा तकनीक का है। नयी तकनीक अर्थव्यवस्था और समाज को नया रूप दे रही है। डिजिटलाइजेशन द्वारा संचालित उद्योग में 4.0 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और इस्पात क्षेत्र में 4.0 प्रतिशत उद्योगिक विनिर्माण से पूर्वोत्तर भारत के लाभांवित होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ ‘इज डूइंग बिजनेस’ हमारी सरकार के लिए सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि कंपनियों को स्थापित करने के लिए विनियामक मंजूरी और कराधान आदि है। हमारी सरकार ने इज डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए हर दृष्टिकोण से काम किया है। हाल ही में हमारी सरकार कोयला क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए सबसे बड़ा बदलाव लेकर आई है। कोयला क्षेत्र में अधिक राजस्व, अधिक उत्पादन और रणनीतिगत विकास पूर्वी भारत के विकास को आगे बढ़ाएगा।’’