नई दिल्ली। कतर की सरकारी विमान सेवा कंपनी कतर एयरवेज के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अकबर अल बकर ने गुरुवार को कहा कि अरब देशों द्वारा करीब ढाई साल से जारी प्रतिबंध के कतर एयरवेज नुकसान में है, अन्यथा उसे 70 करोड़ से 80 करोड़ डॉलर तक का मुनाफा होता। बकर ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में ‘‘अवैध घेराबंदी’’ के बारे में पूछे जाने पर कहा कि इस कारण कतर एयरवेज की लगभग सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को 25 मिनट की अतिरिक्त उड़ान भरनी पड़ रही है।
इससे उड़ान की लगात बढ़ जाती है। इस कारण उसे 20 प्रतिशत का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि यदि वायु क्षेत्र के इस्तेमाल संबंधित प्रतिबंध नहीं होते तो एयरलाइन 70-80 करोड़ डॉलर के मुनाफे में रहती। बकर ने बताया कि अतिरिक्त उड़ान समय से सिर्फ ईंधन लगात नहीं बढ़ती, इससे मानव श्रम, रखरखाव, एयरफ्रेम तथा इंजन के घंटे आदि में भी वृद्धि होती है।
उल्लेखनीय है कि ईरान तथा तुर्की के साथ कतर के मैत्रिपूर्ण संबंध के खिलाफ दबाव बनाते हुये सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन, मिस्र और मालदीव समेत सात अरब देशों ने जून 2017 में कतर के साथ राजनयिक संबंध तोड़ दिये थे। उन्होंने कतर एयरवेज की उड़ानों के लिए अपने वायु क्षेत्र के इस्तेमाल पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।