नई दिल्ली। नेशनल इनवेस्टमेंट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर फंड (एनआईआईएफ) और एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने बिजली वितरण कंपनियों को स्मार्ट मीटर उपलब्ध कराने के लिए इंटेलीस्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड (इंटेलीस्मार्ट) नाम से एक नया संयुक्त उपक्रम बनाने की घोषणा की है। सरकार की अगले कुछ वर्षों में 25 करोड़ स्मार्ट मीटर लगाने की योजना है। 25 करोड़ पारंपरिक मीटर की जगह स्मार्ट मीटर लगाये जाने से बिलिंग दक्षता 80 फीसदी से बढ़ कर 100 फीसदी पर पहुंचाई जा सकती है।
साथ ही इससे बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के राजस्व में 1,104 अरब रुपये की बढ़ोतरी होने की संभावना भी है। 6,25,000 स्मार्ट मीटर लगा कर ईईएसएल भारत में स्मार्ट मीटर लगाने की मुहिम को पहले से ही आगे बढ़ा रहा है। एनआईआईएफ और ईईएसएल की साझेदारी भारत सरकार के स्मार्ट मीटर संबंधी लक्ष्य को नई गति देगी। ईईएसएल के प्रबंध निदेशक सौरभ कुमार ने गुरूवार को यहां जारी बयान में यह जानकारी देते हुये कहा कि देश में बिजली वितरण संबंधी नुकसान को कम करने का मिशन शुरू किया गया है।
सार्वभौमिक, पारदर्शी और उत्तरदायी ऊर्जा उपभोग को संभव बनाने में दुनिया भर में स्मार्ट मीटर का योगदान प्रमाणित हो चुका है और भारत में यह केंद्रीय भूमिका निभा सकता है। इस तकनीक के बाजार को नया आयाम देने और पूरे देश में इसके उपयोग को तेज करने के प्रयासों को आगे बढ़ाने में एनआईआईएफ जैसा स्थापित और अनुभवी संस्थान ने उनकी कंपनी के साथ साझेदारी की है। उदय और नेशनल स्मार्ट ग्रिड मिशन जैसे सरकारी कार्यक्रमों के लक्ष्यों को पूरा करने में यह संयुक्त उपक्रम सहयोग करेगा।
एनआईआईएफ के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) सुजोय बोस ने कहा कि भारतीय ऊर्जा क्षेत्र जहां अंतिम उपभोक्ता तक चौबीसों घंटे उपलब्ध रहने वाली विश्वस्त सेवा पहुंचाने के लिए पूरी तरह प्रयासरत है वहीं इंटेलीस्मार्ट इन प्रयासों में सहयोग करेगा। स्मार्ट मीटर इस क्षेत्र की वितरण कंपनियों के लिए कार्यकुशलता लाने और महत्वपूर्ण वाणिज्यिक लाभ हासिल करने में रचनात्मक भूमिका निभाएगा। साथ ही यह अंतिम उपभोक्ता को भी बिजली के उपयोग के संबंध में पर्याप्त सूचना के आधार पर बेहतर निर्णय लेने में मदद कर ज्यादा सशक्त बनाएगा।