नई दिल्ली। सोशल मीडिया यूजर्स को काफी पसंद आ रहे हैं। शॉर्ट वीडियो शेयरिंग एप (टिक टॉक) इसका बेहतरीन उदाहरण है। हम देखते है कि दुनिया की आधी से ज्यादा आबादी सोशल मीडिया एप टिकटॉक (TikTok) एप का इस्तेमाल करती हैं। इस वजह से अन्य टेक कंपनियां भी इस एप को कड़ी चुनौती देने के लिए नए एप बाजार में उतार रही हैं। ग्लोबल स्मार्टफोन यूजर्स द्वारा बेहद तेज गति से डाउनलोड किए जा रहे टिक टॉक एप की तारीफ Tech World की नामी हस्तियां भी कर चुकी हैं।
ऐसे में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर शॉर्ट वीडियो शेयरिंग एप और TikTok Video की सफलता देखकर गूगल, Facebook समेत कई दूसरी कंपनियां अपने-अपने शॉर्ट वीडियो शेयरिंग एप लाने की तैयारी कर रही हैं। फेसबुक पहले ही अपने (लासो) एप को ग्लोबली लॉन्च करने की तैयारी में है। दो दिन पहले ही मैक्सिको में लासो की टेस्टिंग की गई है। गूगल एप स्टोर पर भी यह मौजूद है, हालांकि फेसबुक अभी इस एप का परीक्षण ही कर रहा है। (स्नैपचैट) भी टिक टॉक सरीखे फीचर पर प्रयोग कर रहा है।
इंस्टाग्राम भी अपने को हाल ही लॉन्च कर चुका है। इस बीच गूगल भी शॉर्ट वीडियो शेयरिंग एप के जरिए (सोशल मीडिया) पर अपनी पहुंच बनाने की कोशिश रहा है। से इस तरह की खबरें है कि गूगल अब टिक टॉक के प्रतिद्वंद्वी (फायरवर्क) एप का अधिग्रहण करने जा रहा है। फायरवर्क की नेट वर्थ 100 मिलियन डॉलर बताई जा रही है, लेकिन माना जा रहा है कि गूगल इस एप के लिए अच्छी कीमत चुका सकता है।
गूगल अपनी सोशल मीडिया प्रजेंस को बढ़ाने और टिक टॉक को प्रतिस्पर्धा देने के लिए दूसरे मशहूर एप फायरवर्क को खरीदने की योजना बना रहा है। हालांकि, इससे पहले गूगल ने अपने Google+ (गूगल प्लस) प्लेटफॉर्म के जरिए सोशल मीडिया पर अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश की थी, लेकिन कई वर्षों के प्रयास के बाद भी वह सफल नहीं हो पाया। ऐसे में Tech World में इस तरह की खबरें आ रही हैं कि गूगल अब फायरवर्क का अधिग्रहण कर सकता है। हालांकि, अभी इस डील की राशि फाइनल नहीं की गई है। लेकिन माना जा रहा है कि इसे खरीदने की एवज में गूगल अच्छा खासा भुगतान भी कर सकता है।
फायरवर्क को खरीदने में जो सबसे मजेदार बात है वह यह है कि गूगल के अलावा चीन की पॉप्युलर माइक्रो ब्लॉगिंग वेबसाइट Weibo भी इसे खरीदना चाह रही है। हालांकि, बाताया जा रहा है कि फायरवर्क को खरीदने की रेस में गूगल दूसरी कंपनियों से आगे है। गूगल का सब ब्रांड YouTube (यूट्यूब) भी इसे खरीदने की होड में है, लेकिन बाजार विश्लेषकों का मानना है कि यह गूगल के मुख्य ब्रांडों में ही शामिल किया जाएगा। सोशल मीडिया पर टिक टॉक ने जिस तेजी से अपनी पहुंच बनाई है, उससे फेसबुक, यूट्यूब सरीखे दिग्गजों को भी खतरा महसूस होने लगा है। अब टिक टॉक ने गूगल के यूट्यूब को भी चुनौती देना शुरू कर दिया है।
टिक टॉक युवा सोशल मीडिया यूजर्स के बीच काफी लोकप्रिय है। इसकी सफलता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि वर्ष 2019 की दूसरी तिमाही में यह विश्व का चौथा सबसे अधिक डाउनलोड किया जाने वाला एप बन गया। केवल फेसबुक के WhatsApp (व्हॉट्स एप), facebook messenger (मैसेंजर) और फेसबुक एप ही इससे आगे रहे हैं। यह भारत समेत कई देशों में नंबर वन एप बनने की रेस में है। टिक टॉक की सफलता इस मायने में भी खास है कि शॉर्ट वीडियो शेयरिंग में उसके विरोधी कई एप बनाए गए हैं, लेकिन वे यूजर्स को अपनी ओर खींचने में सफल नहीं रहे हैं। इसकी निर्माता कंपनी ByteDance (बाइटडांस) ने टिक टॉक की नेट वर्थ 75 बिलियन डॉलर बताई है।
फायरवर्क भी अपने प्लेटफॉर्म पर यूजर्स को शॉर्ट वीडियो बनाने और उसे दूसरे यूजर्स के साथ साझा करने की सुविधा देता है। जहां टिक टॉक का निर्माण चीनी कंपनी बाइट डांस ने किया है, वहीं फायरवर्क एक अमेरिकी कंपनी है। फायरवर्क कैलिफॉर्निया के रेडवुड सिटी स्थित लूप नॉउ टेक्नोलॉजीज कंपनी द्वारा तैयार किया गया एप है। फायरवर्क खुद की ब्रांडिंग फ्यूचर ऑफ सोशल मोबाइल टीवी के रूप में करता है। इस साल की शुरुआत में Firework App का वेल्यू 100 मिलियन डॉलर बताई गई थी। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि गूगल फायरवक्र्स के अधिग्रहण में सफल रहता है तो वह चीन को छोड़कर दुनियाभर में टिकटॉक को कड़ी टक्कर दे सकता है, क्योंकि चीन में टिक टॉप सोशल मीडिया प्रजेंस के मामले में नंबर वन बना हुआ है।