नई दिल्ली। साइक्लोजिस्ट और नशे की लत से छुटकारा दिलाने में माहिर डॉ हरबर्ट क्लेबर का जन्म 19 जून, 1934 को पेन्सिलवेनिया के पिट्सबर्ग में हुआ था। डॉ हरबर्ट को गूगल ने डूडल बनाकर सम्मान दिया है। इसी दिन 23 साल पहले उन्हें नेशनल एकेडमी ऑफ मेडिसिन में चुना गया था। इस डूडल को मैसाचुसेट्स के कलाकार जैरेट जे. क्रोसोज्का ने बनाया है। क्लेबर एक प्रसिद्ध अमेरिकी मनोचिकित्सक और मादक पदार्थों के सेवन शोधकर्ता थे। डॉ. हरबर्ट क्लेबर का जन्म 19 जून, 1934 को पेंसिल्वेनिया के पिट्सबर्ग में हुआ था।
डॉ. हर्बर्ट क्लेबर येल विश्वविद्यालय में ड्रग डिपेंडेंस यूनिट के संस्थापक और प्रमुख थे, जहां वे साइक्लॉजी के प्रोफेसर थे। इसके बाद उन्होंने व्हाइट हाउस में नेशनल ड्रग कंट्रोल पॉलिसी के कार्यालय में डिमांड रिडक्शन के लिए डिप्टी डायरेक्टर के रूप में 2.5 साल तक काम किया। क्लेबर डार्टमाउथ कॉलेज में उन्होंने प्री-मेड का अध्ययन किया और मनोविज्ञान में अपने जुनून की खोज की।
साल 1968 से साल 1989 तक वे Yale University के ड्रग डिपेंडेंस यूनिट के हेड भी रहे। अमेरिकी प्रेजिडेंट George HW Bush ने उनके काम को काफी सराहा और उन्हें नैशनल ड्रग कंट्रोल पॉलिसी के ऑफिस में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर नियुक्त किया था। साल 1964 में उन्होंने यूनाइटेड प्बलिक हेल्थ सर्विस को अपनी सेवाएं दी थीं। यहां उनकी ड्यूटी केन्टकी के लेग्जिंग्टन के एक कैदियों के अस्पताल में लगी थी, जहां कैदियों को नशे की लत से बाहर निकाला जाता था।
डॉ. क्लेबर ने लत और मादक द्रव्यों के सेवन को लेकर राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना भी की थी। उन्होंने शराब, कोकीन, हेरोइन और शराब जैसे नशे की लत के शिकार व्यक्तियों के इलाज के लिए कई नए तरीकों को विकसित करने पर काम किया। उन्हें अमेरिका के सबसे बेहतरीन मनोचिकित्सकों में से एक माना जाता है। उन्होंने कई किताबें भी लिखीं। वह कैदियों के इलाज के वक्त यह भी देखते थे कि आखिर किसी शख्स को नशे की लत क्यो लग जाती है।
उन्होंने अपनी जीवनकाल में कई पुस्तकें भी लिखी। गूगल ने अपना जो डूडल तैयार किया है उसमें Dr Herbert किसी मरीज को सुनते हुए दिखाई दे रहा हैं। इस दौरान वह नोटबुक में कुछ लिखते हुए भी दिख रहे हैं। डॉ क्लेबेर ने शराब, कोकीन, हेरोइन और शराब जैसे नशे के आदि व्यक्तियों के इलाज के लिए नए तरीकों को विकसित करने पर कई परियोजनाओं पर काम किया।
एडिक्शन और नशीले पदार्थों के सेवन पर राष्ट्रीय केंद्र के सह-संस्थापक के अलावा, डॉ. क्लेबेर और उनकी तत्कालीन पत्नी डॉ. मैरियन डब्ल्यू फिशमैन ने कोलंबिया यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ फिजिशियन और सर्जन में नशीले पदार्थों के सेवन डिवीजन की स्थापना की। जो बाद में देश में नशीले पदार्थों के सेवन पर सबसे सफल प्रोग्राम बन गया। पांच अक्टूबर, 2018 को डॉ क्लेबर का निधन हो गया।