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गन्ना किसानों को दो वर्ष में 155318 करोड़ रुपए का भुगतान

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 23 2019 4:12PM | Updated Date: Jul 23 2019 4:12PM
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नई दिल्ली। सरकार के प्रयासों से गन्ना उत्पादक किसानों के दो वर्ष के बकाया 155318 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है और अब चीनी सीजन 2017-18 के महज 285 करोड़ रुपये और 2018-19 के 15222 करोड़ रुपये बकाया रह गये हैं।  उपभोक्ता मामले एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री राम विलास पासवान ने लोकसभा में एक लिखित उत्तर में बताया कि सरकार ने गन्ना किसानों के बकाये के जल्द से जल्द भुगतान के लिए कई जरूरी कदम उठाये हैं जिनकी बदौलत चीनी सीजन 2017-18 के 85179 करोड़ रुपये और 2018-19 के लिए 85646 करोड़ रुपये के बकाये का बड़ा हिस्सा चुका दिया गया है।
 
चीनी सीजन 2017-18 के 84894 करोड़ रुपये और 2018-19 के 70424 करोड़ रुपये का भुगतान कर दिया गया है। चीनी मिलों पर चीनी सीजन 2017-18 और 2018-19 का कुल सर्वाधिक 9792 करोड़ रुपये उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का और 941 करोड़ रुपये पंजाब के किसानों का बकाया है। गुजरात के गन्ना किसानों का 897 करोड़ रुपये चीनी मिलों पर बकाया है।
 
पासवान ने कहा कि गन्ना किसानों को समय पर बकाये का भुगतान तभी हो सकेगा जब चीनी मिलों की नकदी की स्थिति में सुधार हो। इसके लिए सरकार ने 14 फरवरी 2019 से घरेलू बाजार में चीनी का न्यूनतम विक्रय मूल्य 31 रुपये प्रति किलोग्राम निधारित किया है जिससे कम मूल्य पर कोई भी चीनी मिल चीनी नहीं बेच सकती। चीनी सीजन 2017-18 और 2018-19 में गन्ने की लागत की भरपाई के लिए चीनी मिलों को वित्तीय सहायता प्रदान की गयी तथा चीनी के 30 लाख टन के बफर स्टॉक के रख रखाव की लागत सरकार ने वहन की।
 
उन्होंने बताया कि चीनी के निर्यात को सुविधाजनक बनाने के लिए आंतरिक ढुलाई, मालभाड़ा और हैंडलिंग आदि के लिए भी वित्तीय मदद दी गयी। इसके अलावा चीनी मिलों को बैंकों के माध्यम से सरल ऋण प्रदान किये गये जिसके लिए सरकार एक वर्ष के लिए सात प्रतिशत की दर से ब्याज में छूट वहन करेगी। 
 
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