नई दिल्ली। कूलिंग उपकरण बनाने वाली प्रमुख कंपनी आईसीई मेक के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक चंद्रकांत पटेल ने नई सरकार कृषि अवसंरचना में व्यापक रूप से निवेश करने की तैयारी कर रही है लेकिन देश में कोल्ड चेन इंफ्रा ईकोसिस्टम विकसित करने के लिए बजटीय प्रावधान किये जाने की जरूरत है। पटेल ने आम बजट 2019-20 का उल्लेख करते हुये कहा कि देश में 2.5 करोड़ टन कोल्ड स्टोरेज क्षमता और 60,000 से अधिक प्रशीतित ट्रकों की कमी है, जिसके कारण 30 प्रतिशत से अधिक कृषि एवं बागवानी उपज हर साल बर्बाद हो जाती है। इसके अलावा 20 प्रतिशत से अधिक खाद्य उत्पादन फसल कटाई के बाद उचित स्टोरेज सुविधाओं और कोल्ड चेन के बुनियादी ढांचे की कमी के कारण बर्बाद हो जाता है।
सरकार को कृषि उत्पादन और आपूर्ति श्रृंखला में उचित भंडारण के लिए एक प्रभावी पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने की दिशा में कम से कम 10 से15 प्रतिशत बजटीय आवंटन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सरकार किसानों के उत्पादन और उनसे संबंधित गतिविधियों में निजी उद्यमिता को बढ़ावा देने जा वाली है। बजटीय आवंटन कृषि सुधारों की अगली कड़ियों के लिए मजबूत नींव रखेगा जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बदल सकता है, अधिक रोजगार पैदा कर सकता है और मांग को बढ़ा सकता है।
उन्होंने कहा कि शून्य बजट खेती ,श्रमिकों के कौशल पर जोर,10,000 किसान निर्माता संगठनों की स्थापना का लक्ष्य, निजी उद्यमिता को प्रोत्साहित करना, सूक्ष्म सिंचाई, कोल्ड स्टोरेज और राष्ट्रीय गोदामों जैसे कृषि, इंफ्रा विकसित करने पर सार्वजनिक व्यय में वृद्धि से कृषि विकास में तेजी से वृद्धि करने में मदद करेगी और बेहतर किसान मूल्य प्राप्ति और आय सृजन करेंगे।
उन्होंने कहा कि सरकार को कृषि विकास दर को बढ़ाने और भारत में गरीबी के मूल कारण का इलाज करने के लिए बहुत कुछ करने की आवश्यकता है। मुख्य चुनौती ग्रामीण भारत को कौशल और आर्थिक अवसर प्रदान करना है। भारत में लगभग एक लाख करोड़ रुपये के खाद्य पदार्थ उचित स्टोरेज व्यवस्था और संरक्षित नहीं करने की वजह से खराब हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि फसल कटाई के बाद के नुकसान को रोकने की आवश्यकता है जो खेती को कम आकर्षक बना रही है।