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बजट संविधान के अनुरूप नहीं, नया बजट पेश करे सरकार : प्रेमचंद्रन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 10 2019 12:18AM | Updated Date: Jul 10 2019 12:50AM
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नई दिल्ली। रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी के नेता एन.के. प्रेमचंद्रन ने मंगलवार को कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पिछले सप्ताह संसद में पेश बजट में कई खामियाँ हैं और इसलिए सरकार को इसे वापस लेकर नये सिरे से बजट पेश करना चाहिये। प्रेमचंद्रन ने लोकसभा में बजट पर चर्चा के दौरान कहा कि यह सरकार की लोकतांत्रिक जिम्मेदारी है कि बजट में सरकार के खर्च और आमदनी का विवरण पेश करे। संविधान की धारा 112 में स्पष्ट कहा गया है कि इसमें वार्षिक राजस्व और व्यय का विवरण होना चाहिये। संसद के माध्यम से देश को लोगों को इसके बारे में जानकारी देना सरकार की जिम्मेदारी बनती है, लेकिन इस बार के बजट भाषण में यह सब जानकारी नहीं दी गयी। ऐसा पहली बार हुआ है।

उन्होंने कहा ‘‘बजट भाषण में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), वित्तीय घाटा, राजस्व घाटा, चालू खाता घाटा जैसे वृहद आर्थिक कारकों के बारे में कुछ भी नहीं कहा गया। इन सबके बिना यह कैसा बजट है? बजट सिर्फ नीतियों की घोषणा नहीं, बल्कि वार्षिक वित्तीय लेखाजोखा के साथ नीतियों की घोषणा होती है।’’ आरएसपी सदस्य ने कहा कि वित्त मंत्री ने यह नहीं बताया कि 25 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर के दायरे में 400 करोड़ रुपये का कारोबार करने वाली सभी कंपनियों को शामिल करने से कितना राजस्व नुकसान होगा, दो करोड़ रुपये से ज्यादा की आय वालों पर कर बढ़ाने और पेट्रोल-डीजल पर कर बढ़ाने से कितना राजस्व प्राप्त होगा।

एक अंग्रेजी दैनिक में छपे लेख के आधार पर उन्होंने कहा कि बजट में वित्त वर्ष 2018-19 में राजस्व प्राप्ति का संशोधित आँकड़ा 17.3 लाख करोड़ रुपये बताया गया है जबकि आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, यह आँकड़ा 15.6 लाख करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा ‘‘यह बड़ी विसंगति है। यदि यह सही है तो एक मात्र रास्ता बचता है कि बजट को वापस लेकर उसकी जगह नये सिरे से बजट पेश किया जाये।’’ जीडीपी के लक्ष्यों को लेकर भी उन्होंने सरकार को घेरते हुये कहा कि वित्त वर्ष 2014-15 में अर्थव्यवस्था का आकार 18 खरब डॉलर का था जो पाँच साल में बढ़कर 27 खबर डॉलर पर पहुँच गया। सरकार कह रही है कि इस साल वह 30 खरब डॉलर पर पहुँच जायेगी। इसके लिए 11 प्रतिशत की विकास दर की जरूरत होगी जबकि आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि चालू वित्त वर्ष में विकास दर सात प्रतिशत रहेगी। फिर 30 खरब डॉलर का आँकड़ा कैसे हासिल होगा। 

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