नई दिल्ली। संयुक्त राष्ट्र की संस्था अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) के मुताबिक, ग्लोबल वार्मिंग के कारण भारत में 2030 तक काम के घंटों में 5.8 फीसदी तक की कमी आएगी। यह 3.4 करोड़ नौकरियां खोने के बराबर है। इसका सबसे ज्यादा असर कृषि और कंस्ट्रक्शन सेक्टर पर होगा। हाल ही में आईएलओ ने इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी की। इसके अनुसार ग्लोबल वार्मिंग के कारण पूरा ग्रह गर्म हो जाएगा और इसका असर काम पर भी पड़ेगा।
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2030 तक हर साल दो या दो से ज्यादा प्रतिशत तक काम के घंटे में कमी आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक, 21वीं सदी के अंत तक वैश्विक तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा। इसका प्रभाव काम के घंटों पर भी पड़ेगा। 2030 तक दुनियाभर में 2.2 फीसदी काम के घंटे कम हो जाएंगे। यह आठ करोड़ फुल टाइम जॉब के बराबर होगा। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भी इस पर चिंता जताई है।