नई दिल्ली। सीबीडीटी के चेयरमैन पी सी मोदी ने कहा कि स्टार्टअप से जुड़े सभी पुराने मुद्दों का विचार-विमर्श प्रक्रिया के जरिए तथा विभाग और बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों की कड़ी निगरानी में समाधान कर लिया जाएगा। शुक्रवार को अपने पहले बजट भाषण में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्टार्ट अप पर ‘एंजल कर' और उनके प्रमाणन समेत विभिन्न समस्याओं के समाधान की जानकारी दी। सीबीडीटी प्रमुख ने कहा, ‘मुझे यह कहते हुए खुशी है कि जो भी मुद्दे डीपीआईआईटी (उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग) के पास थे हमने दोनों विभागों के बीच गहन बातचीत की और स्टार्टअप से जुड़े सभी मुद्दों का समाधान कर लिया है।’ उन्होंने कहा, ‘जो मुद्दे सुलझाए गए हैं, वे स्टार्टअप की परिभाषा, शेयरों का मूल्यांकल तथा कोष के स्रोत से जुड़े हैं।’
शिकायत या अविश्वास का कोई मौका नहीं
मोदी ने कहा, ‘मैं निश्चित रूप से स्टार्टअप को यह आश्वस्त कर सकता हूं कि उनके लिए शिकायत या अविश्वास का कोई मौका नहीं होगा। वे अपना कारोबार करने पर ध्यान दे सकते हैं।’ यह पूछे जाने पर कि विभाग ने स्टार्टअप के बारे में हुई बजट घोषणाओं के संदर्भ में क्या प्रशासनिक व्यवस्था की गई है, उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री का बयान विरासत में मिले मुद्दों के संदर्भ में था। मोदी ने कहा, ‘कुछ मामलों में जहां स्टार्टअप की जांच पहले ही शुरू हो चुकी है या नोटिस भेजे जा चुके हैं, उन मामलों में हमने जांच के लिए अलग अधिकारी की बात की है और यह काम निरीक्षण अधिकारी की पूर्व मंजूरी लेकर किया जाएगा।’ उन्होंने कहा, ‘इसीलिए जब वरिष्ठ अधिकारी मामले में जुड़े होंगे और परामर्श से काम होगा, मुझे नहीं लगता कि कोई मामला बचेगा जिससे स्टार्टअप को कोई समस्या हो।’