नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण कॉरपोरेट सेक्टर को बड़ी राहत दी है। नए प्रस्ताव के तहत अब 400 करोड़ रुपए तक का सालाना कारोबार करने वाली कंपनियां 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स स्लैब में रहेंगी। इससे पहले 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स के दायरे में 250 करोड़ रुपए तक का कारोबार करने वाली कंपनियां शामिल थीं। अब सिर्फ 0.7 फीसदी कंपनियां कॉरपोरेट टैक्स के स्लैब से बाहर रहेंगी। 150 करोड़ रुपए टर्नओवर लिमिट बढ़ाने से करीब 99.3% कंपनियां अब 25% कॉरपोरेट टैक्स के दायरे में आ गई हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय इकोनॉमी को रफ्तार देने में सूक्ष्म, लघु, छोटे और मध्यम उद्यमों (एमएसएमईज) की अहम भूमिका है। ऐसे में इस सेक्टर में निवेश की जरूरत है। इसके साथ ही विदेशी और घरेलू निवेश को बढ़ाने पर सरकार का जोर रहेगा।
इससे पहले फरवरी में अंतरिम बजट में कॉरपोरेट सेक्टर को झटका लगा था। दरअसल, बड़ी इंडस्ट्री को उम्मीद थी कि कॉपोर्रेट टैक्स में राहत मिलेगी लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। वहीं, अंतरिम बजट में एल्यूमीनियम इंडस्ट्री की ओर से आयात पर अंकुश लगाने के लिए प्राइमरी एल्यूमीनियम और स्क्रैप मेटल दोनों पर मौजूदा सीमा शुल्क को बढ़ाकर 10 फीसदी कर देने की मांग की जा रही थी। वहीं आॅयल एंड एनर्जी सेक्टर की निवेश पर जोर देने की मांग थी। बायोफ्यूल/बायोडीजल संयंत्र लगाने के लिए आवश्यक मशीनों के आयात पर जीरो शुल्क कर देने की मांग की गई थी।
हर दरवाजे पर पहुंचाएंगे बैंकिंग
वित्त मंत्री बताया कि हम बैंकिंग को हर दरवाजे तक पहुंचाएंगे।
सरकारी सुधारों के चलते बैंकिंग सेक्टर की हालत दुरुस्त हुई है। एनपीए घटा है और कर्ज वसूली तेज हुई है।
जहां नॉन परफॉर्मिंग एसेट (एनपीए) में एक लाख करोड़ रुपए की कमी आई है, वहीं कर्जदारों पर भी सरकार का डंडा चला है।
बीमा क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई
इंश्योरेंस इंटरमीडिएटरीज के क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई को अनुमति मिलेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामले में भारत को दुनिया का सबसे बेहतरीन और पंसदीदा देश बनाएंगे।
देश को हर साल 20 लाख करोड़ रुपए के निवेश की जरूरत है।
ऑटो कंपनियों में खुशी की लहर
सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने को लेकर बात कही।
भारतीय बाजार में ज्यादा से ज्यादा इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल हो, इसके लिए अब केंद्र सरकार सस्ते ई-वाहन मुहैया कराएगी।
उपभोक्ताओं को इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद पर लोन पर चुकाए गए ब्याज पर 1.5 लाख का फायदा।
सरकार के कदमों से फायदे की उम्मीद
हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के नियमन को एनएचबी से आरबीआई को वापस लौटाया जा रहा है।
उम्मीद है कि आरबीआई रियल एस्टेट सेक्टर की फाइनेंसिंग के लिए जरूरी सुधारों को लेकर आयेगा
भूमि की फाइनेंसिंग, हाउसिंग फाइनेंस को प्रॉयोरिटी सेक्टर का दर्जा संभव।