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पीओएस मशीनों के कम, लेकिन कार्ड से लेनदेन में आई वृद्धि

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 26 2019 12:45AM | Updated Date: Jun 26 2019 12:45AM
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मुंबई। सरकार के कैशलेस डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की पहल में अब खुदरा दुकानदार भी रुचि दिखाने लगे हैं। यही कारण है कि खुदरा दुकानों पर भी ग्राहक डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करने लगे हैं, जिससे कैशलेस लेनदेन का चलन बढ़ने लगा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, नोटबंदी के बाद से पहली बार अप्रैल में डेबिट कार्ड से हुई कुल लेनदेन में एक तिहाई प्वाइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों के जरिए किए गए। आंकड़ों के मुताबिक, अप्रैल, 2019 में डेबिट कार्ड से कुल 66 फीसदी लेनदेन एटीएम के जरिए हुई। इसके तहत 80 करोड़ निकासी के साथ 2.84 लाख करोड़ रुपये निकाले गए। इस अवधि में पीओएस मशीनों के जरिए 34 फीसदी लेनदेन हुई।

छोटे दुकानों में तेजी से लगाई जा रही पीओएस मशीनें 
देशभर के छोटे दुकानों में तेजी से पीओएस मशीनें लगाई जा रही हैं। इस क्षेत्र से जुड़े लोगों का कहना है कि कार्ड आधारित डिजिटल लेनदेन में यहीं से सबसे ज्यादा बढ़ोतरी मिलेगी। आंकड़ों के मुताबिक, 2016 से अप्रैल, 2019 तक पीओएस मशीन लगाने में सालाना करीब 39 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।अब तक 37.5 लाख पीओएस टर्मिनल बन चुके हैं। हालांकि, इस अवधि में बैंक दो लाख एटीएम मशीनों के बेड़े में सिर्फ 7,000 एटीएम ही नए जोड़ पाए। विशेषज्ञों का कहना है कि एटीएम की बढ़ोतरी में रुकावट का कारण इन्हें लगाने और रखरखाव करने में बहुत ज्यादा खर्च होना है।
ग्रामीण इलाकों में एटीएम की संख्या काफी कम
विशेषज्ञों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान एटीएम की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। देश में अधिकतर लोगों की नकदी की जरूरत के लिए एटीएम मुख्य आधार रहे हैं। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में एटीएम की संख्या अब भी काफी कम है।वर्ष 2017 में भारत में 5,919 की आबादी पर एक एटीएम था, जबकि चीन, अमेरिका, जर्मनी, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में प्रति दो हजार की आबादी पर एक एटीएम है।
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