नई दिल्ली। विदेशों से आयात सस्ता होने से इस साल घरेलू बाजार में सफेद सोना यानी रूई (कॉटन) की चमक पिछले साल जैसी नहीं रही है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉटन का भाव जून के पहले सप्ताह में जहां 90 सेंट प्रति पौंड से ऊपर चल रहा था वहां इस समय 65 सेंट प्रति पौंड के स्तर पर आ गया है। विदेशों में कॉटन का भाव गिरने से दुनिया का सबसे बड़ा कपास उत्पादक देश भारत में कॉटन का आयात बढ़ गया है और निर्यात में कमी आई है।
विदेशी बाजार में कॉटन का भाव घटने से भारतीय बाजार में भी कॉटन का भाव ठंडा पड़ गया है। घरेलू वायदा बाजार मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर शुक्रवार को कॉटन जून डिलीवरी अनुबंध पिछले सत्र के मुकाबले 320 रुपये यानी 1.48 फीसदी लुढक़कर 21,280 रुपये प्रति गांठ (170 किलो) पर आ गया। पिछले साल सात जून को एमसीएक्स पर कॉटन का भाव 22,710 रुपये प्रति गांठ पर बंद हुआ था।
वहीं, अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज (आईसीई) पर कॉटन का जुलाई डिलीवरी अनुबंध शुक्रवार को 4.18 फीसदी की गिरावट के साथ 65.72 सेंट प्रति पौंड पर कारोबार कर रहा था। पिछले साल सात जून को आईसीई पर कॉटन का भाव 94.08 सेंट प्रति पौंड पर बंद हुआ था।