25 Apr 2024, 19:46:01 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
Business

सरकार ने बदले नियम - अब किराएदार का भी देगा होगा पैन कार्ड

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 6 2019 2:16PM | Updated Date: Apr 6 2019 2:17PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

नई दिल्‍ली। आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2019-20 के लिए बदलावों के साथ आयकर रिटर्न (आईटीआर) फॉर्म अधिसूचित कर दिए हैं। नए बदलावों के तहत टीडीएस छूट के लिए किराएदार के पैन कार्ड की जानकारी देनी होगी। साथ ही भारत में रहने की अवधि और गैर सूचीबद्ध शेयरों की सूचना भी फॉर्म में भरनी होगी। 
 
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के मुताबिक, जो व्यक्ति आईटीआर-2 भरते हैं और रिहायशी संपत्ति से आय प्राप्त करते हैं तो उन्हें किरायेदार का ब्योरा, उसका पैन या टैन (कर कटौती और संग्रह खाता संख्या) के बारे में जानकारी देनी होगी। जो लोग चंदा देते हैं और कर छूट का दावा करते हैं, उन्हें चंदा प्राप्त करने वाले के नाम, पता तथा पैन देने होंगे। जिन करदाताओं की कृषि आय है और आईटीआर-2 भरते हैं, उन्हें भी विस्तृत ब्योरा देना होगा। इसमें भूखंड की माप, जिले का नाम साथ पिन कोड के बारे में बताना होगा जहां वह जमीन है। 
 
साथ ही यह भी बताना होगा कि यह जमीन उनकी है या पट्टे पर। क्या यह सिंचित है या फिर वर्षा आधारित क्षेत्र है। वहीं कंपनियों के निदेशकों, गैर-सूचीबद्ध कंपनियों के निवेशकों के लिए सहज और सुगम फॉर्म में रिटर्न भरने से रोक लगा दी है। आईटीआर-4 यानी सुगम फॉर्म उन लोगों, हिन्दु अवभाजित परिवारों और एलएलपी को छोड़कर अन्य फर्मों के लिए रखा गया है जिनकी कुल अनुमानित आय योजना के तहत व्यवसाय अथवा पेशे से 50 लाख रुपये तक की आय है। 
आईटीआर-1 यानी सहज फॉर्म केवल वही व्यक्ति भर सकते हैं जिनका वेतन, एक मकान की संपत्ति, ब्याज से आय 50 लाख रुपये सालाना तक तथा 5,000 रुपये तक की कृषि आय हो। इसमें किसी कंपनी में निदेशक शामिल नहीं होंगे। 'किरायेदार का ब्योरा, पैन-टैन देना होगा ' चंदे कर छूट के लिए प्राप्तकर्ता का नाम, पता व पैन दें' कृषि आय वालों को भूखंड की माप, जिले का नाम व पिनकोड देना होगा ' कंपनी के निदेशक, गैरसूचीबद्ध कंपनियों के निवेशक 
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »