मुंबई। बीएसएनएल में नौकरी करने वाले कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। कंपनी की आर्थिक स्थिति सही करने के लिए कंपनी एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। बीएसएनएल को फिर से पटरी पर लाने के लिए बोर्ड ने कई प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। कॉस्ट कटिंग के लिए 54 हजार कर्मचारियों को समय पूर्व छंटनी (स्वैच्छिक सेवानिवृति) के साथ कई और सुझावों को भी बोर्ड ने स्वीकार कर लिया। इसी के तहत बीएसएनएल बोर्ड ने पैसों की बचत के लिएकर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र घटाकर 58 साल कर दी है।
एक मीडिया समूह में प्रकाशित खबर के अनुसार, बीएसएनल को संकट से उबारने के लिए सरकार द्वारा गठित बोर्ड के 10 में से 3 सुझाव को बीएसएनएल ने स्वीकार कर लिया है। इस बीच ऐसा पहली बार हुआ है कि बीएसएनएल अपने कर्मचारियों को समय पर वेतन भी नहीं दे पा रहा है। हालांकि, अब बीएसएएएल को जरूरी खर्चों के लिए कुछ रकम जल्द ही मिल सकती है।
बीएसएएनएल के एक वरिष्ठ सूत्र के हवाले से, 'सरकारी कंपनी बीएसएनएल को 2,900 करोड़ रुपये सरकार के कई फंसे हुए प्रॉजेक्ट से मिलनेवाले हैं। अप्रैल या मई तक यह रकम मिल जाएगी और इसके साथ 500 करोड़ की रकम बीएसएनएल को विभिन्न दूसरे बिजनस से भी मिल सकती है। साथ ही सॉफ्ट लोन के तौर 3,500 करोड़ रुपये मिल सकते हैं। इन सभी पैसों से आनेवाले 3-4 महीनों के लिए बीएसएनएल की खस्ता हालत में कुछ सुधार जरूर हो सकता है।