20 Apr 2024, 00:25:10 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि अब यह साफ हो गया है कि रिजर्व बैंक भी नोटबंदी के पक्ष में नहीं था लेकिन प्रधानंत्री नरेन्द्र मोदी के दबाव में बैंक ने उनके फैसले का समर्थन किया और इससे देश भारी आर्थिक संकट में फंस गया।
 
कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता जयराम रमेश तथा प्रोफेसर राजीव गौड़ा ने यहां कहा कि मोदी ने 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे राष्ट्र को संबोधित करते हुए नोटबंदी की घोषणा करते हुए दावा किया था कि इससे कालाधन खत्म होगा, फर्जी करंसी बंद होगी और आतंकवाद रुकेगा।
 
दोनों नेताओं ने कहा कि नोटबंदी को लेकर सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत मिली एक जानकारी से अब खुलासा हुआ है कि मोदी की नोटबंदी की घोषणा के महज 2.30 घंटे पहले यानी 5.30 बजे रिजर्व बैंक के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की दिल्ली में 561वीं बैठक हुई थी। इस बैठक की औपचारिक जानकारी किसी को नहीं दी गई थी। सूचना में इस बैठक का विवरण भी दिया गया है।
 
बैठक के 6 पन्नों के विवरण में कहा गया है कि हमारे देश में कालाधन सोना, जमीन या रियल एस्टेट में रखा जाता है, कैश में नहीं रखा जाता इसलिए नोटबंदी का कालेधन पर कोई असर नहीं होगा जबकि मोदी दावा करते रहे कि नोटबंदी से कालाधन समाप्त हो जाएगा। बैठक में रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल के अलावा बैंक के मौजूदा गवर्नर शक्तिकांत दास भी थे।
 
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि बैंक के तत्कालीन गवर्नर पटेल 3 बार संसद की 3 समितियों अधीनस्थ विधायी समिति, लोक लेखा समिति तथा वित्त मामलों की स्थायी समिति के समक्ष पेश हुए लेकिन हर बार उन्होंने यही कहा कि नोटबंदी का निर्णय सरकार ने लिया था और हमने उसका समर्थन किया।
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