नई दिल्ली। सरकार ने अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से हल्के मकानों का निर्माण करने के लिए उत्तरप्रदेश के लखनऊ, झारखंड के रांची और तमिलनाडु के चेन्नई समेत छह शहरों का चयन किया किया है। ये मकान अपेक्षाकृत सस्ते, भूकंप रोधी और रख रखाव करने में सरल होंगे।
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय ने हल्के मकानों की परियोजनाओं के लिए छह शहरों की पहचान की है, जो ‘प्रयोगशाला’ के रूप में काम करेंगे। ये छह शहर गुजरात का राजकोट, झारखंड का रांची, मध्यप्रदेश का इंदौर, तमिलनाडु का चेन्नई, त्रिपुरा का अगरतला और उत्तरप्रदेश का लखनऊ हैं। मंत्रालय की तकनीकी मूल्यांकन समिति ने अमेरिका, फिनलैंड, ऑस्ट्रेलिया, स्पेन, फ्रांस, दक्षिण कोरिया और इटली की तकनीकों सहित 25 देशों की 32 नई प्रौद्योगिकियों के साथ 54 प्रमाणित प्रौद्योगिकी कंपनियों मूल्यांकन किया गया है।
सूत्रों के अनुसार अत्याधुनिक तकनीक से निर्मित होने वाले इन मकानों की लागत कम होगी और इन्हें बहुत ही कम समय तैयार किया जा सकेगा। ये मकान भूकंप रोधी होंगे। इन मकानों को जरुरत पड़ने पर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया सकेगा। इनके निर्माण में प्राकृतिक सामग्री के साथ साथ विनिर्मित सामग्री का इस्तेमाल अधिक होगा।
हल्के मकानों की परियोजनाओं से वर्ष 2022 तक ‘सबके लिए आवास’ का लक्ष्य हासिल करना आसान होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री आवास योजना को तेजी से लागू किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री आवास योजनाझ्रशहरी का उद्देश्य वर्ष 2022 तक एक करोड़ आवासीय इकाईयां बनाना है, जिसमें से 79 लाख मकानों को मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इसके अलावा 41 लाख से अधिक मकानों का निर्माण शुरू कर दिया गया है और 16 लाख मकानों को पूरा करके लाभार्थियों को सौंप दिया गया है। इस समय 12 लाख से अधिक मकान नई प्रौद्योगिकियों के साथ बनाए जा रहे हैं।