नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने देश में मेट्रो परियोजनाओं के क्षेत्र में कदम रखने की इच्छा जाहिर की है। रेलवे का कहना है कि उसमें मेट्रो के कोचों के निर्माण सहित मेट्रो की पूरी परियोजना को कम लागत में अमलीजामा पहनाने की क्षमता है और इसके लिए उसे किसी बाहरी सहायता की जरूरत नहीं है। रेलवे बोर्ड के एक उच्च अधिकारी ने यहां बताया कि भारतीय रेलवे ने नागपुर, हैदराबाद सहित कुछ शहरों में मेट्रो परियोजना को क्रियान्वित करने को लेकर शहरी विकास मंत्रालय से बातचीत की है और यह बातचीत रचनात्मक रूप से चल रही है। अधिकारी के अनुसार भारतीय रेलवे ने प्रस्ताव किया है कि रेल मामलों में विशेषज्ञता होने के कारण मेट्रो रेल परियोजनाओं को वह ठीक ढंग से और कम लागत में क्रियान्वित कर सकती है।
अधिकारी ने बताया कि रायबरेली स्थित मॉडर्न कोच फैक्टरी (एमसीएफ) में मेट्रो के कोच बनाने का काम भी शुरू होने वाला है। रायबरेली में मेट्रो कोचों के ट्रॉयल के लिए करीब एक किलोमीटर लंबा परीक्षण ट्रैक बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाहर से खरीदा जाने वाला आमतौर पर मेट्रो का एक कोच करीब दस करोड़ रुपए का पड़ता है लेकिन भारतीय रेलवे ने 25 से 30 प्रतिशत कम लागत में बेहतर गुणवत्ता वाले मेट्रो कोचों की आपूर्ति करने का प्रस्ताव किया है। इस प्रकार से सात से साढ़े सात करोड़ की लागत में बेहतर मेट्रो कोच भारतीय रेलवे देगा। उन्होंने कहा कि चूंकि अभी कहीं भी निविदा का प्रस्ताव नहीं है इसलिए मामला बातचीत के स्तर पर ही है। निविदाएं निकलने पर भारतीय रेलवे निश्चित रूप से उसमें भाग लेगी।
अधिकारी ने कहा कि एमसीएफ में एल्युमिनियम के कोचों के निर्माण की सुविधा है। इस धातु के उपयोग से कोच की आयु बढ़ती है और रखरखाव की जरूरत भी कम होती है। वजन कम होने से ट्रैक पर बोझ कम रहता है और तेज गति से चल सकता है। अधिकारी ने बताया कि हाल में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी रायबरेली यात्रा में एमसीएफ के दौरे में मेट्रो के कोचों के निर्माण की सुविधा को देखा था और वह इससे काफी प्रभावित भी हुए थे। उन्होंने मेट्रो कोचों के निर्यात की संंभावनाएं भी टटोलने का निर्देश दिया है और कहा है कि अगली वार्षिक भारतीय मिशन प्रमुखों की होने वाली बैठक में इस बारे में एक प्रेजेन्टेशन भी दिखाया जायेगा और मिशन प्रमुखों को अपने अपने तैनाती के देशों में इसे प्रचारित करने को कहा है।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे कोलकाता में देश की पहली मेट्रो रेल परियोजना का पूर्ण रूप से संचालन करती है और उसकी लागत भी काफी कम है। कोलकाता मेट्रो 1984 में आरंभ हुई थी जबकि दिल्ली मेट्रो 2002 में शुरू हुई थी। देश में इस समय करीब 20 शहरों में मेट्रो रेल परियोजनाओं को स्वीकृति मिल चुकी है और लगभग 35 शहरों में मेट्रो रेल शुरू करने की योजना है। इस समय दस से अधिक शहरों में काम चालू हो चुका है। भारतीय रेल को मेट्रो कोच निर्माण में सरकारी क्षेत्र की कंपनी भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड के अलावा छह अंतरराष्ट्रीय कंपनियों -अल्स्टॉम, बॉम्बार्डियर, सीएएफ, सीआरआरसी, टीटागढ़ और हुंडई रोटेम से प्रतिस्पर्द्धा करनी होगी।