नई दिल्ली। सरकार ने हिंद महासागर में भारतीय नौसेना का प्रभुत्व बनाए रखने के लिए उसके बेड़े में 56 युद्धपोत और छह पनडुब्बी शामिल करने का महत्वाकांक्षी निर्णय लिया है साथ ही दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत को लेकर भी बातचीत ठोस रूप ले रही है।
नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने नौसेना दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को कहा कि नौसेना रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में तेजी से आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही है। सरकार ने देश की सुरक्षा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए नौसेना के बेड़े के लिए 56 समु्द्री पोतों और छह पनडुब्बी की मंजूरी दी है। ये युद्धपोत और पनडुब्बी लगभग एक दशक के समय में नौसेना के बेड़े में शामिल कर लिए जाएंगे।
इसके अलावा देश के विभिन्न शिपयार्डों में अभी 32 समुद्री पोत और पनडुब्बी बनायी जा रही हैं। इनमें विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत, पी-15 बी श्रेणी के विध्वंसक, पी 17 ए श्रेणी के स्टेल्थ फ्रिगेट, समुद्री गश्त पोत और पनडुब्बी शामिल हैं। देश में ही बनाया जा रहा विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत निर्माण के तीसरे और अंतिम चरण में है।