नई दिल्ली। सीबीआई को लेकर चल रहा विवाद सोमवार को वरिष्ठ अधिकारी एम के सिन्हा द्वारा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केन्द्रीय मंत्री हरिभाई पी चौधरी और केन्द्रीय सतर्कता आयुक्त केवी चौधरी का नाम लिये जाने के बाद और गहरा गया। सिन्हा ने इन पर सीबीआई के विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप के प्रयास करने के आरोप लगाए।
खबर के अनुसार इस बारे में प्रतिक्रिया मांगे जाने पर केवी चौधरी ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। प्रतिक्रिया देने के लिए डोभाल से सम्पर्क नहीं हो पाया। मंत्री के कार्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि वह इस मामले से अवगत नहीं हैं। सिन्हा, अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी की जांच कर रहे हैं।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में कई संवेदनशील आरोप लगाए। याचिका में उनका तबादला नागपुर किए जाने के आदेश को खारिज करने के बारे में तुरंत सुनवाई करने का आरोप लगाया गया है। सिन्हा की ओर से पेश हुए वकील सुनील फर्नांडिस ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली एक पीठ से कहा कि उनके मुवक्किल ने याचिका में स्तब्ध करने वाले कुछ खुलासे किए हैं। उन्होंने अनुरोध किया कि मंगलवार को सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा के अनुरोध के साथ उनकी याचिका को भी सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया जाए।