नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर वित्तीय घाटा काबू करने में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के कोष को इस्तेमाल करने के प्रयास का आरोप लगाते हुए शनिवार को कहा कि मौद्रिक स्थिति स्थिर बनाये रखने की आरबीआई की क्षमता कमजोर करने के लिए कुछ नहीं किया जाना चाहिए।
चिदंबरम ने ट्विटर पर आरोप लगाया कि आरबीआई की 19 नवंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार वित्तीय घाटे का लक्ष्य हासिल करने के लिए आरबीआई गवर्नर पर दबाव बना रही है। सरकार आरबीआई के कोष का इस्तेमाल वित्तीय घाटा नियंत्रण में रखने के लिए करना चाहती है।
उन्होंने कहा कि आरबीआई का कोष अपने हाथ में लेने का सरकार का तात्कालिक मकसद वित्तीय घाटा लक्ष्य हासिल करना और चुनावी वर्ष में व्यय बढ़ाना है। इसके लिए सरकार को कम से कम एक लाख करोड़ रुपए चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि आरबीआई की 19 नवंबर को होने वाली बोर्ड बैठक में कुछ बुरा होने की आशंका है। उन्होेंने कहा, मुझे लगता है कि भाजपा सरकार के गलत इरादे से किए जा रहे कार्यों के कुप्रभावों के बारे में देशवासियों को आगाह करना मेरा कर्तव्य है। सरकार पहले ही आरबीआई अधिनियम की धारा सात का इस्तेमाल करके असाधारण कदम उठा चुकी है।