बीजिंग। चीन-हांगकांग के बीच बना दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल आगामी बुधवार को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। शनिवार को पुल से जुड़े अधिकारियों ने यह जानकारी दी। 55 किलोमीटर लंबे इस पुल का नाम हांगकांग-झुहैइ-मकाउ है।
पर्ल रिवर ईस्टूरी पर स्थित बने इस पुल का निर्माण दिसंबर, 2009 में शुरू हुआ था। इसके बनने के बाद हांगकांग और चीन के झुहैइ शहर के बीच की दूरी तीन घंटे से घटकर 30 मिनट रह जाएगी। स्थानीय अखबार के मुताबिक, हांगकांग के सांसदों ने कहा कि यह पुल हांगकांग अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट को सीधा जोड़ता है। इसके कारण हांगकांग के लंताऊ द्वीप पर अतिरिक्त यातायात का बोझ बढ़ जाएगा। इससे जाम की समस्या उत्पन्न हो जाएगी।
यातायात विभाग हालांकि पहले ही साफ कर चुका है कि पांच हजार से ज्यादा निजी वाहनों को पुल से गुजरने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वर्ष 2016 की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2030 तक करीब 29 हजार वाहन पुल का इस्तेमाल करेंगे, जो 2008 में जारी रिपोर्ट से 12 फीसद कम हैं। चीन की सरकारी मीडिया के अनुसार इसकी तैयारी में छह साल लग गए और 31 दिसबंर 2017 को इसका काम पूरा हुआ। दुनिया के इस सबसे लंबे पुल पर पैदल सवार नहीं चल सकेंगे। वहीं चीन से जाने वाली कार को हांग कांग में घुसने से पहले रोड में अपनी साइड बदलनी होगी।
तैयारी में लग गए छह साल
चीन ने 55 किमी लंबा समुद्री पुल बनाकर पूरी दुनिया को चौंका दिया है। यह दुनिया का सबसे लंबा समुद्री पुल है। पुल हांगकांग को चीन के दक्षिणी शहर झूहाई और मकाउ के गैमलिंग एनक्लेव से जोड़ेगा। नौ साल से बन रहे इस पुल को बनाने में एफिल टावर के मुकाबले 60 गुना ज्यादा स्टील खर्च हुआ है।