नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने साढ़े चार सालों के कार्यकाल में विज्ञापन पर करीब 5,000 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। सूचना का अधिकार आवेदन के जरिए लोक संपर्क और संचार ब्यूरो (बीओसी) से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार की योजनाओं के प्रचार-प्रसार में 2014 से लेकर अब तक में 4996.61 करोड़ रुपए की राशि खर्च की गई है।
बता दें कि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अधीन काम करने वाली संस्था लोक संपर्क और संचार ब्यूरो भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों एवं इनके विभागों का विज्ञापन करती है। कुछ स्वायत्त संस्थाओं का भी विज्ञापन बीओसी के जरिए कराया जाता है। इसमें से 2136.39 करोड़ रुपए प्रिंट में विज्ञापन के लिए खर्च किया गया। वहीं 2211.11 करोड़ की राशि को इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के जरिए विज्ञापन में खर्च किया गया है। इसके अलावा 649.11 करोड़ रुपए आउटडोर पब्लिसिटी में खर्च किया गया है।
सबसे ज्यादा राशि प्रिंट माध्यम में खर्च की गई है। सरकार ने भारत निर्माण, योग, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, आधार जैसी योजनाओं के लिए आउटडोर पब्लिसिटी में काफी राशि खर्च की है। आधार बनाने वाली संस्था भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण के विज्ञापन में 2014 से लेकर अब तक में 3.27 करोड़ की राशि खर्च की गई है।
इससे पहले सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन राठौड़ ने राज्यसभा में बताया था कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, स्वच्छ भारत अभियान, स्मार्ट सिटी मिशन और सांसद आदर्श ग्राम योजना पर खर्च किए गए।