नई दिल्ली। राम मंदिर मामले में शुक्रवार को दिल्ली के वीएचपी मुख्यालय में साधु संतों ने बैठक शुरु कर दी। बैठक में 36 संत पहुंच चुके हैं। संतों ने 2019 तक राम मंदिर निर्माण की मांग की है। संतों का कहना है कि उन्हें पीएम मोदी और योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद से जुड़ी विवादित जमीन के मालिकाना हक को लेकर चल रहे मुकदमे की सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर से नियमित सुनवाई शुरू होगी। लेकिन उससे पहले राममंदिर के निर्माण को लेकर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने तेवर कड़े कर लिए हैं।
अयोध्या से श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास की अगुवाई में कई संत दिल्ली आए हैं। वहीं, अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए तपस्वी छावनी मंदिर के महंत राम परमहंस दास सोमवार से आमरण अनशन कर रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली में होने वाली संत उच्चाधिकार समिति की बैठक में केंद्रीय मार्गदर्शक मंडल के वरिष्ठ सदस्य महंत कमलनयन दास, न्यास सदस्य पूर्व सांसद रामविलासदास वेदांती, महंत सुरेश दास, संत समिति अध्यक्ष महंत कन्हैया दास शामिल हैं। श्रीराम जन्मभूमि न्यास अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास ने गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि मोदी के सत्ता में आने से हिंदू समाज को राममंदिर निर्माण की उम्मीद जागी धी, लेकिन इस दिशा में अभी तक कोई हल नहीं निकल सका है।