नई दिल्ली। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू करने सहित विभिन्न मांगों को लेकर देशभर के किसानों ने अपना मार्च वापस ले लिया है। आज सुबह किसान नेता नरेश टिकैत ने इसका ऐलान किया। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता नरेश टिकैत ने कहा कि, 'फिलहाल किसान राजघाट और किसान घाट पहुंचकर लौट जाएंगे। बाकी बची मांगों के लिए सरकार को मांग पत्र दिया गया है, जिसके लिए सरकार ने समय मांगा है। लाठीचार्ज के लिए दिल्ली पुलिस ने माफी मांगी है।
उन्होंने कहा कि, किसान घाट पर फूल चढ़ाकर हम अपना आंदोलन खत्म कर रहे हैं। मार्च खत्म होने के बाद किसान अपने-अपने गांवों की ओर लौटने लगे हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस ने हमें राजधानी में घुसने की इजाजत नहीं दी थी इसलिए हमने प्रदर्शन किया था। हमारा मकसद यात्रा को खत्म करने का था जो अब पूरा हुआ। अब हम अपने गांव जाएंगे।
दिल्ली में दाखिल होने से रोके जाने पर किसानों के प्रतिनिधि मंडल ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से भी मुलाकात की। सरकार ने किसानों की कुछ मांगें मानने पर सहमति जताई थी और कुछ के लिए समय मांगा था। बाद में किसानों ने अपनी मांगों के संबंध में सरकार की ओर से दिए गए आश्वासनों पर भी भरोसा करने से इनकार कर दिया।
दरअसल, ये किसान अपनी कई मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे थे। जिनमें कर्ज माफी, गन्ना भुगतान, पेंशन समेत अन्य मांगें शामिल थीं। केंद्र सरकार ने इन मांगों में से कुछ को तो मान लिया है, लेकिन कई मांगों को नहीं माना गया है। जिसकी वजह से किसान अभी भी नाराज हैं। दिल्ली में गृहमंत्री राजनाथ सिंह और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच मुलाकात हुई थी, इसी मुलाकात में किसान मान गए थे, और बाहर आकर उन्होंने कहा था कि सरकार ने हमारी कई मांगें मान ली हैं, हालांकि, उन्होंने ये भी कहा था कि हम पहले जमीन पर अपने किसानों से बात करेंगे और अगर वो मानेंगे तो ही आंदोलन खत्म करेंगे। जब किसान प्रतिनिधि राजनाथ से मुलाकात कर किसानों के बीच पहुंचे तो उनके सुर बदल गए।