नई दिल्ली। आधार पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने के बाद यूनिक आइ़ेंटिफिकेशन अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने टेलिकॉम कंपनियों को 15 दिन की मोहलत दी है। यूआई़डीएआई ने कहा है कि पहले ईकेवाईसी के जरिये जारी सिम कार्ड के बारे में जल्द फैसला लें। कंपनियां कैसे आधार को डीलिंक करेंगी, इसके बारे में जल्द उसे बताना होगा। यूआईडीएआई ने भारती एयरटेल, रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया सहित अन्य कंपनियों को सर्कुलर भेज कर जवाब मांगा है।
गौरतलब है कि सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में आधार कानून के सेक्शन 57 को निरस्त कर दिया था। इस सेक्शन में कंपनियों को 12 संख्या वाले आधार नंबर को ईकेवाईसी करने के लिए अधिकृत किया गया था। यूआईडीएआई के सर्कुलर के मुताबिक, 'सभी दूरसंचार सेवा प्रदाता 26 सितंबर 2018 के सुप्रीम कोर्ट के इस संदर्भ में दिये गए आदेश को लेकर कदम उठाएंगे। इस संदर्भ में दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को आधार उपयोग बंद करने को लेकर 15 अक्टूबर तक कार्य योजना सौंपने का निर्देश दिया जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसले में आधार की संवैधानिक वैधता बरकरार रखी थी, लेकिन कई मामलों में आधार की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि बैंक अकाउंट, मोबाइल सिम, प्राइवेट सेक्टर, स्कूल ऐडमिशन, नीट, सीबीएसई, यूजीसी आदि में आधार की अनिवार्यता नहीं होगी। वहीं आईटी रिटर्न, सरकारी स्कीमों के तहत सब्सिडी लेने के लिए आधार की जरूरत होगी।
बढ़ी थी कर्ज लेने वालों की संख्या
आधार के जरिये ईकेवाईसी कराने वाले ग्राहकों की संख्या में बढ़ोतरी का सबसे ज्यादा फायदा छोटी राशि का कर्ज लेने वालों हुआ था। फिनटेक कंपनियों का भी खर्च इस प्रोसेस के जरिए काफी कम हो गया था। 2017 में जहां 4.8 करोड़ लोगों का ईकेवाईसी हुआ था, वहीं 2018 में यह बढ़कर 13.8 करोड़ हो गया था।