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भारत की यात्रा पर उज्बेक के राष्ट्रपति, करेंगे ताज का दीदार

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Sep 30 2018 12:30PM | Updated Date: Sep 30 2018 12:30PM
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नई दिल्ली। उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जीयोयेव आज दो दिन की भारत यात्रा पर यहां पहुंचेंगे। उनकी इस यात्रा के दौरान दोनों देश अपनी रणनीतिक साझेदारी को विस्तार देते हुए कृषि, पर्यटन, स्वास्थ्य, फार्मा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग को प्रगाढ़ बनाने के मकसद से कई अहम करार करेंगे। मिर्जीयोयेव के साथ उनकी पत्नी जिरोआत मिर्जीयोयेव भी आ रहीं हैं। वे रविवार की दोपहर सबसे पहले आगरा जायेंगे और ताजमहल के भ्रमण के पश्चात दिल्ली पहुंचेंगे। 
 
अगले दिन सोमवार को राष्ट्रपति भवन में उनका रस्मी स्वागत किया जायेगा। उसी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ हैदराबाद हाउस में उनकी द्विपक्षीय बैठक होगी। इस दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजÞबूत करने, खासकर अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के मुद्दे पर भी महत्वपूर्ण बात होने की संभावना है। बैठक में उज्Þबेकिस्तान की ओर से अफगानिस्तान के रास्ते ईरान तक रेल लाइन बिछाने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करने का प्रस्ताव आ सकता है। अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ से तेहरान तक करीब 452 किलोमीटर की लाइन बिछाने का प्रस्ताव लंबित है। 
 
इन समझौतों पर लग सकती है मुहर
सूत्रों के अनुसार, द्विपक्षीय बैठक में जिन समझौतों पर हस्ताक्षर किये जाने की संभावना है उनमें कृषि क्षेत्र में संयुक्त क्लस्टर लगाने, कृषि उत्पादन एवं विविधीकरण, बीज विकास,सिंचाई, जैव प्रौद्योगिकी, पशुपालन आदि 12 बिन्दुओं पर सहयोग किया जायेगा। नशीले पदार्थों की तस्करी रोकने के लिए कानूनी एवं संस्थागत सहयोग तथा वकीलों एवं उज्बेक सरकार के न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण का करार किया जायेगा। पर्यटन तथा फार्माशूटिकल क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के करार भी होने की उम्मीद है। एक करार उज्बेकिस्तान के आंदीजान क्षेत्र में उज्Þबेक भारत फ्री फार्मा प्रक्षेत्र की स्थापना के लिए किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं आयुर्विज्ञान के क्षेत्र में भी सहयोग का एक करार किया जाएगा। भारत एवं अन्य देशों के बीच क्षेत्रीय एवं प्रांतीय संपर्कों को बढ़ावा देने की नीति के अनुरूप समरकंद और आगरा, अंदीजान और गुजरात, ताशकंद और दिल्ली, बुखारा और हैदराबाद के बीच साझी सांस्कृतिक विरासत को मिलकर बढ़ावा देने एवं आदान प्रदान बढ़ाने संबंधी करार भी किये जाने की संभावना है।
 
सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवान्वेषण के क्षेत्र के भारतीय शैक्षणिक एवं शोध संस्थानों की शाखाएं उज्बेकिस्तान में स्थापित करने को लेकर भी समझौते किये जायेंगे। जनता के बीच संपर्क, पर्यटन एवं फिल्म उद्योग के साथ संपर्क को बढ़ावा देने के मकसद से ताशकंद और मुंबई के बीच अक्टूबर से हवाई सेवा शुरू करने की घोषणा भी की जायेगी।
 
दोनों देशों के बीच नये अध्याय की शुरुआत
भारत में उज्बेकिस्तान के राजदूत फरहोद आर्जिव के अनुसार, यह यात्रा भारत-उज्बेकिस्तान रिश्तों में एक नये अध्याय की शुरुआत होगी। पिछले दो साल में उज्बेकिस्तान ने महत्वपूर्ण राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक सुधारों पर काफी प्रगति की है। मध्य एशिया की प्रमुख ताकत के रूप में इन केन्द्रित प्रयासों ने एक सुदृढ़ बाजार अर्थव्यवस्था प्राप्त करने के उज्बेकिस्तान के लक्ष्य को ताकत दी है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय कारोबार अभी 35 करोड़ डॉलर सालाना का है जिसे 2020 तक कम से कम एक अरब डॉलर के स्तर पर लाने का लक्ष्य है।
 
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