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डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ व्यापार करने वाले देशों को दी प्रतिबंध की धमकी

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Aug 8 2018 12:00PM | Updated Date: Aug 8 2018 12:00PM
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वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ व्यापार करने वाले देशों को चेतावनी देते हुए कहा कि जो देश ईरान के साथ व्यापार कर रहे हैं उन्हें अमेरिका के साथ व्यापार करने की अनुमति नहीं दी जायेगी। ट्रम्प का यह बयान अमेरिका की ओर से ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद आया है। 
 
ट्रम्प ने मंगलवार को ट्वीट किया, 'ईरान के साथ व्यापार करने वाला कोई भी देश अमेरिका के साथ व्यापार नहीं करेगा।' ईरान के तेल व्यापार के खिलाफ अमेरिकी कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हुए राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि इन प्रतिबंधों का उद्देश्य ईरानी लोगों के बीच मनोवैज्ञानिक युद्ध के बीज बोना है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने मंगलवार को भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 12 बजकर 31 मिनट पर एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर कर ईरान पर दोबारा से प्रतिबंधों को लागू किए जाने का आदेश दिया है।
 
अमेरिका के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी किए गए एक वक्तव्य के मुताबिक इन प्रतिबंधों के कारण ईरान की सरकार अमेरिकी बैंक नोट नहीं खरीद पायेगी। वक्तव्य के मुताबिक इन प्रतिबंधों से ईरान का सोने तथा अन्य महत्वपूर्ण धातुओं के अलावा ग्रेफाइट, एल्यूमिनियम, स्टील और कोयले से संबंधित व्यापार भी प्रभावित होगा। अमेरिकी प्रतिबंधों का असर ईरान की ओद्यौगिक प्रक्रियाओं में काम आने वाले सॉफ्टवेयर पर भी होगा।
 
ईरान ने ठुकराया अमेरिका प्रस्ताव
इससे पहले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने सोमवार को अमेरिका द्वारा नये प्रतिबंध लगाये जाने से कुछ घंटे पहले दिये गये अमेरिका के बातचीत के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। अमेरिका ने ईरान को बातचीत का प्रस्ताव देते हुए कहा था कि ईरान के पास नये प्रतिबंधों से बचने का एकमात्र रास्ता यह है कि वह अपने परमाणु और मिसाइल कार्यक्रमों को छोड़कर बातचीत के लिए राजी हो जाए। रूहानी ने अपने टेलीविजन भाषण में कहा कि जब तक अमेरिका वर्ष 2015 के ईरान परमाणु समझौते की शर्तों को नहीं मानता उसके साथ बातचीत नहीं की जा सकती। रुहानी ने कहा, 'अगर आप किसी को चाकू घोंपकर कहो कि आप बातचीत करना चाहते हो इसके लिए पहले आपको चाकू को हटाना होगा। हम हमेशा से राजनयिक संबंधों और बातचीत के पक्ष में रहे हैं लेकिन बातचीत के लिए ईमानदारी की आवश्यकता होती है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अमेरिकी चुनावों को देखते हुए और ईरान में अराजकता पैदा करने के मकसद से बातचीत का प्रस्ताव रखा है।' अमेरिका के ईरान परमाणु समझौते से अलग होने के बाद दोनों देशों के बीच रिश्ते काफी तल्ख हुए हैं। मई में श्री ट्रम्प ने इस अंतरराष्ट्रीय परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग होने की घोषणा की थी।
 
यूरोपीय संघ ने किया अमेरिका का विरोध
यूरोपीय संघ ने कहा कि ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत समूह के सभी देशों ने अमेरिकी कदम का विरोध किया है। यूरोपीय संघ की राजनयिक प्रमुख फेडरिका मोघरिनी ने एक वक्तव्य में कहा, हम ईरान के साथ वैध व्यापार में लगे यूरोपीय आर्थिक आॅपरेटरों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में ईरान ने अमेरिका, चीन, रूस, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत ईरान ने उस पर लगे आर्थिक प्रतिबंधों को हटाने के बदले अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करने पर सहमति जताई थी।
 
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