लंदन। आर्थिक संकट से निपटने के लिए ईरान की सरकार द्वारा अपनाए जा रहे तरीकों के बारे में जानने के लिए ईरान की संसद ने राष्ट्रपति हसन रूहानी को तलब किया है। आइएसएनए समाचार एजेंसी ने बुधवार को बताया कि सांसदों ने उनको पेश होने के लिए एक माह का समय दिया है। यह पहला मौका है, जब संसद ने राष्ट्रपति रूहानी को पूछताछ के लिए बुलाया है। अमेरिका के साथ संबंध खराब होने और देश के गहराते आर्थिक संकट के चलते राष्ट्रपति पर अपने मंत्रिमंडल में फेरबदल का बहुत ज्यादा दबाव है।
खबरों के मुताबिक, सांसद उनसे रियाल की गिरावट, कमजोर विकास दर और बढ़ती बेरोजगारी के संबंध में सवाल करना चाहते हैं। अप्रैल से अब तक रियाल की कीमत गिरकर आधी रह गई है। रूहानी से यह स्पष्ट करने के लिए भी कहा जा सकता है कि परमाणु करार होने के दो साल बाद भी वैश्विक आर्थिक एजेंसियों तक ईरानी बैंकों की सीमित पहुंच क्यों है?
2015 में अमेरिका से परमाणु करार कर संबंध सुधारने के चलते रूहानी को प्रगतिशील राष्ट्रपति माना जाता है। लेकिन, ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका परमाणु करार से बाहर आ गया। इससे ईरान फिर मुसीबतों में घिरता जा रहा है। ट्रंप ने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दी है।