नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस रंजन गोगोई ने जजों के प्रमोशन के मामले पर बोलते हुए कहा है कि इसके कुछ नियम हैं लेकिन मामला तब बिगड़ता है जब चीफ जस्टिस बदल जाते हैं। उन्होंने कहा कि जब जजों के प्रमोशन का मामला सामने आता है तो उसके लिए कुछ नियम और कायदें हैं। समस्या तब पैदा होती है जब भारत के चीफ जस्टिस बदलते हैं।
उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय व्यवस्था के लिए सतत नीति होनी चाहिए। लंबित मामलों की बढ़ती संख्या पर बोलते हुए जस्टिस गोगोई ने कहा कि हमारा सिस्टम अभी बड़े संख्या में मामलों के निपटारे के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा कि मामलों को खत्म करने की जरूरत है। हाल ही में जस्टिस गोगोई ने एक कार्यक्रम में बोलते हुए 'दो भारत' के बीच भेद बताया था। उन्होंने कहा था कि एक भारत ऐसा है जो यह मानता है कि यह अपने आप में नया है जबकि दूसरा 'हास्यास्यपद रूप से तैयार की गई गरीबी रेखा' के नीचे रहता है।
जस्टिस गोगोई ने कहा कि दोनों संघर्ष की स्थिति में है। सुप्रीम कोर्ट के सीनियर जस्टिस गोगोई ने कहा कि उस 'संवैधानिक क्षण' का समय आ गया है जो काफी समय से लंबित है। सुप्रीम कोर्ट के जब चार वरिष्ठतम जजों ने अप्रत्याशित रूप से प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शीर्ष अदालत में मामलों के बंटवारे का मुद्दा उठाया था, तब जस्टिस गोगोई भी उसमें शामिल थे।