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सुपर-30 के 26 नहीं सिर्फ 3 बच्चे ही हुए थे आईआईटी में पास!

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 25 2018 10:48AM | Updated Date: Jul 25 2018 10:48AM
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पटना। सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार पर उन्हीं के छात्रों ने फजीर्वाड़े का आरोप लगाया है। छात्रों ने आरोप लगाया है कि अपनी लोकप्रियता को बढ़ाने के लिए आनंद कुमार ने जालसाजी और फरेब का सहारा लिया है। छात्रों का आरोप है कि इस साल आईआईटी जेईई की परीक्षा में आनंद कुमार ने ऐलान किया कि उनकी संस्था में पढ़ने वाले 30 छात्रों में से 26 इस परीक्षा में पास हुए मगर सच्चाई यह है कि आनंद कुमार की संस्था से इस बार केवल 3 छात्र ही आईआईटी जेईई परीक्षा में उत्तीर्ण हुए।
 
छात्रों का कहना है कि आईआईटी जेईई एडवांस परीक्षा के नतीजे घोषित होने के बाद आनंद कुमार ने ऐलान किया कि उनके यहां पढ़ने वाले 30 बच्चों में से 26 में यह परीक्षा पास की है, जिसमें से ओनोर्जित गोस्वामी, सूरज कुमार, यश कुमार और सूर्यकांत शामिल है जबकि हकीकत यह है कि इन 26 छात्रों में से कई छात्र कभी भी सुपर-30 का हिस्सा रहे ही नहीं।
 
गगन नाम के छात्र का आरोप है कि सूरज कुमार जिसने आईआईटी जेईई एडवांस परीक्षा पास की है, उसने राजस्थान के कोटा के एक कोचिंग संस्थान से पढ़ाई की है मगर जब परीक्षा के नतीजे घोषित किए तो आनंद कुमार ने सूरज कुमार को सुपर-30 का छात्र बताते हुए मीडिया के सामने पेश किया। बता दें, आईआईटी में 30 में 26 बच्चों की पास होने की खबर खुद आनंद कुमार ने ट्वीट की जरिए दी थी।  वहीं पिछले साल जॉइंट एंट्रेंस एग्जामिनेशन (जेईई) एडवांस में आनंद कुमार के सुपर-30 के सभी 30 बच्चे सफल हुए थे। साल 2016 में सुपर 30 से जेईई एडवांस एग्जाम में 28 बच्चे सफल हुए थे। 
 
जालसाजी से 1 करोड़ रुपए कमाए
छात्रों का आरोप है कि ऐसा करने के लिए आनंद कुमार ने सूरज को स्कॉलरशिप में भारी भरकम रकम देने का वादा किया था। गगन ने बताया कि इस साल जिन 26 बच्चों को आनंद कुमार ने आईआईटी जेईई परीक्षा में सफल बताया उनमें से केवल ओनोर्जित गोस्वामी सुपर-30 का छात्र था। स्थानीय अखबारों की मानें तो सुपर-30 की लोकप्रियता को देखते हुए देशभर के कई आईआईटी में दाखिला लेने के लिए कई इच्छुक छात्र पटना पहुंचते थे, ताकि उनका सुपर-30 में दाखिला हो सके मगर पटना आने के बाद आनंद कुमार इन सभी छात्रों को पहले एक दूसरे कोचिंग संस्था रामानुज क्लासेस में दाखिला लेने के लिए कहते थे।
 
इस कोचिंग संस्था में दाखिला लेने की फीस तकरीबन 33040 रुपये थी। आनंद कुमार पहले इन सभी छात्रों को रामानुज क्लासेस में दाखिला लेने के लिए कहते थे और उन्हें आश्वासन देते थे कि इस कोचिंग संस्था में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों को ही सुपर-30 के लिए चुना जाएगा। आनंद कुमार के ऊपर आरोप है कि इस तरीके की जालसाजी करके वह सालाना तकरीबन एक करोड़ से ज्यादा रुपए कमाते थे। 
 
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