रावलपिंडी। रावलपिंडी में आर्मी हेडक्वॉर्टर के बाहर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पार्टी के समर्थकों ने देश की खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में आईएसआई खेल कर रही है और पहले से ही चुनाव फिक्स है। बता दें कि पहली बार आईएसआई के खिलाफ इस तरह से खुले तौर पर नारेबाजी की गई।
नवाज शरीफ के समर्थकों का कहना है कि पूर्व पीएम को इसलिए जेल भेजा गया है, ताकि उन्हें कमजोर किया जा सके। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी फौज इस बार इमरान खान को पाकिस्तान का पीएम बनाना चाहती है। समर्थकों का कहना है कि अगर नवाज रहते तो, इमरान कभी पीएम नहीं बन सकते थे, इसलिए उन्हें हराने के लिए उनके खिलाफ चल रहे तमाम मुकदमों के फैसले आ गए, जिनमें उन्हें सजा सुना दी गई।
सेना के मुख्यालय के बाहर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समर्थकों ने आइएसआइ मुर्दाबाद और 'यह जो दहशतगर्दी है उसके पीछे वर्दी है' जैसे नारे लगाए। बलोच नेशनल मूवमेंट के प्रेसिडेंट जफर बलोच ने ट्वीट किया, 'पाकिस्तान की सड़कों पर खुलेआम लोगों ने आईएसआई के खिलाफ नारेबाजी की। सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आईएसआई के खिलाफ यह असंतोष पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार देखने को मिला है।
बता दें कि इससे पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शौकल सिद्दीकी भी न्यायपालिका और मीडिया पर नियंत्रण की कोशिशों को लेकर आइएसआइ को आड़े हाथों ले चुके हैं। इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जज ने शनिवार को आरोप लगाया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई मुख्य न्यायाधीश और अन्य जजों पर मनमुताबिक फैसला देने के लिए दबाव डालती है। जज का यह आरोप भी है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित कई अन्य मामलों पर भी जजों पर दबाव बनाया गया।