सियोल। दक्षिण कोरिया की एक कंपनी ने सोने से भरे एक रूसी युद्धपोत को खोजने का दावा किया है। उसका दावा है कि इस जहाज में 130 अरब डॉलर (करीब नौ लाख करोड़ रुपए) मूल्य का सोना भरा है। इस दावे पर विवाद भी शुरू हो गया है। एक सरकारी संस्थान ने कहा कि रूसी जहाज का मलबा साल 2003 में ही खोज लिया गया था। दक्षिण कोरियाई शोधकर्ताओं और नियामकों ने खजाने के दावे पर संदेह जताया है।
सियोल स्थित शिनिल ग्रुप ने बीते मंगलवार को कहा कि उसने रूसी युद्धपोत दमित्री डोंसकोई का मलबा खोज निकाला है।
यह जहाज 1904-05 में रूस और जापान के बीच हुए युद्ध के दौरान कोरिया के एक द्वीप के पास जापान सागर में डूब गया था। 6,800 टन वजनी इस जहाज का निर्माण 1880 के आसपास किया गया था। कंपनी के प्रवक्ता पार्क संग-जिन ने कहा, 'हमारा मानना है कि जहाज में सोने से भरे बक्से हैं।
यह ऐतिहासिक तौर पर साबित भी हो चुका है। बक्सों को मजबूती से बंद किया गया था। इससे यह जाहिर होता है कि इनमें कीमती सामान है।' कंपनी के इस दावे पर विवाद भी शुरू हो गया। सरकारी संस्थान कोरिया इंस्टीट्यूट आॅफ ओसन साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने कहा कि उसने 2003 में ही मलबा खोज लिया था। संस्थान की वेबसाइट पर साल 2007 की कुछ तस्वीरें हैं जो जहाज के मलबे की बताई जा रही हैं। दक्षिण कोरिया की एक निर्माण कंपनी ने भी दावा किया है कि उसने सबसे पहले रूसी युद्धपोत की खोज की है।
वित्तीय नियामक ने निवेशकों को चेतायादक्षिण कोरिया के वित्तीय नियामक ने खजाना मिलने के दावे के बाद शिनिल ग्रुप के शेयरों में निवेश करने वाले लोगों को आगाह किया है।
शिनिल ग्रुप का दावा
- जहाज में 200 टन सोने की छड़ें और सिक्के होने का अनुमान
- शिनिल ग्रुप ने मलबे की तस्वीरें और वीडियो भी जारी किया
- खोज में ब्रिटेन, कनाडा और दक्षिण कोरिया के विशेषज्ञ शामिल