इस्लामाबाद। पाकिस्तान में इसी महीने 25 जुलाई को आम चुनाव होने हैं। चुनाव के लिए गिने-चुने दिन बचे हैं इसके लिए पार्टी चुनाव अभियान में अपनी पूरी ताकत झोंकती दिखाई दे रही है। खबर आ रही है कि हरकत-उल-मुजाहिद्दीन (हम) के संस्थापक और अमेरिकी द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित फजलुर रहमान खलील ने कहा है कि वह इमरान खान की पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ को आगामी आम चुनाव में समर्थन करेंगे।
बताया जाता है कि, पीटीआई के वरिष्ठ अध्यक्ष और इमरान खान के बेहद करीबी माने जाने वाले असद उमर ने कुछ समय पहले ही फेसबुक के माध्यम से खलील के अपनी पार्टी में शामिल होने की बात कही थी। उर्दू में लिखे गए एक पोस्ट में कहा गया था कि खलील ने अपने समर्थकों के साथ पीटीआई को ज्वाइन कर लिया है और इस्लामाबाद संसदीय सीट के लिए वो हमारा समर्थन करेंगे। पोस्ट में ये भी लिखा गया था कि, खलील पाकिस्तान को एक पूर्ण इस्लामिक लोकतांत्रिक देश बनाने के लिए हर कदम पर हमारे साथ है।
सोशल मीडिया पर ये न्यूज फैलने के बाद उमर ने अपने एफबी पोस्ट में संशोधन करते हुए लिखा कि खलील ने पीटीआई के समर्थन करने की अभी केवल घोषणा की है। उधर खलील ने भी पाकिस्तानी मीडिया के समक्ष कबूल किया है कि वह उमर को समर्थन करेंगे। बता दें कि, पाकिस्तान चुनाव में कई आतंकवादी समूहों के सदस्यों की सक्रियता सामने आई है जिसमें जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद भी है। जेयूडी की राजनीतिक पार्टी को पाक चुनाव आयोग के द्वारा पंजीकृत करने से इनकार करने के बाद इसके सदस्यों ने अल्लाह-हू-अकबर तहरीक के बैनर तले चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया था।
भारत में होने वाली आतंकी हमलों का जिम्मेदार
खलील वर्तमान में 'अंसर-उल-उम्मा' का प्रमुख है जो सितंबर 2014 में अमेरिका के द्वारा घोषित आतंकी समूह 'हम' के समर्थकों में शामिल था। अमेरिका ने उस समय खलील को वैश्विक आतंकवादी करार दिया गया था। उसी दौरान अमेरिका ने ये भी कहा था कि भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में होने वाले आतंकी हमलों के लिए खलील का समूह ही जिम्मेदार है।
बता दें कि, 1997 में अमेरिका के द्वारा 'हम' की पहचान एक विदेशी आतंकी संगठन के रुप में की गई थी और यह 2013 में 'अंसर-उल-उम्मा' के रुप में बदले नाम के साथ सबके सामने आया। वर्तमान में रावलपिंडी में आधारित, खलील का कई आतंकी समूहों और पाकिस्तानी सेना से संबंध है। वह 1996 में ओसामा बिन लादेन की वैश्विक जिहाद के समर्थकों में से एक था और अल-कायदा के साथ भी उसका घनिष्ठ संबंध रहा है।