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फर्जी तरीके से असली पासपोर्ट बनवाने वाले गिरोह का खुलासा

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 15 2018 1:17PM | Updated Date: Jul 15 2018 1:18PM
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चेन्नई। पुलिस ने चेन्नई में एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो फर्जी तरीके से असली पासपोर्ट बनवाते थे। लगभग तीन दशक से चल रहे इस गिरोह का खुलासा पुलिस की केंद्रीय अपराध शाखा के जासूसों ने किया है। पुलिस ने मौके से 10 लोगों को गुंडा एक्ट के तहत हिरासत में लिया है। यह गिरोह विदेशियों का पासपोर्ट भारतीय नागरिक के तौर पर बनवाता था। 
 
विदेशी नागरिक, खासकर शरणार्थी शिविरों में श्रीलंका के तमिलों त्रिपली केन, अन्ना नगर और वेलाचेरी के एजेंट्स के संपर्क करते थे और तीन से पांच लाख रुपए में सौदा तय करते थे। फिर फर्जी वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड के सहारे बैंक अकाउंट और आधार कार्ड बनवाते थे। 
इसके बाद एजेंट की मदद से इन डॉक्युमेंट्स का इस्तेमाल करके पासपोर्ट के लिए आवेदन किया जाता था।
 
इसके बाद पासपोर्ट केन्द्र पर विदेशी आवेदक का पर्सनल इंटरव्यू होता था। फिर घूस लेकर पुलिसकर्मी फर्जी पते का वेरिफिकेशन करता था। इसके अलावा पासपोर्ट डिलिवर करने वाला पोस्टमैन भी घूस लेकर पासपोर्ट डिलिवर कर देता था। इसके बाद पासपोर्ट मिलने के बाद वीजा के लिए अप्लाई किया जाता था। 
 
गिरोह में शामिल था सीआरपीएफ जवान 
चेन्नै बेस्ड इस बड़े गिरोह का खुलासा करने के बाद एक जांच अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह ने श्री लंका के कई लोगों को गलत रास्ते से पासपोर्ट दिलवाने और आॅस्ट्रेलिया भेजने में मदद की है। पुलिस ने इस रैकेट से संबंधित 40 वर्षीय एक सीआरपीएफ जवान आर क्रिस्टफर और 41 वर्षीय एस मणिवन्नन को 8 मई को गिरफ्तार किया था।
 
क्रिस्टफर चेन्नै एयरपोर्ट के काउंटर आॅफिस में 6 माह से तैनात था, वहीं मणिवन्नन एयरपोर्ट के प्रशासनिक आॅफिस में अस्थायी चपरासी के तौर पर कार्यरत था। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस गिरोह के लोग अपने नेटवर्क के माध्यम से इमिग्रेशन अधिकारियों, खुफिया पुलिस अधिकारियों और डाक अधिकारियों को नए पासपोर्ट के लिए घूस देने के लिए करते थे। केस से जुड़े एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह गिरोह सिर्फ चेन्नै में ही सक्रिय नहीं था। बल्कि यह शहर के बाहर भी काम करता था। 
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