इस्लामाबाद। मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और जमात-उद-दावा सरगना हाफिज सईद ने आने वाले चुनावों के लिए प्रचार शुरू कर दिया है। हाफिज ने अपनी 15 साल पुरानी पार्टी, अल्लाह-ऊ-अकबर तहरीक (एएटी) के बैनर तले यह चुनावी कैंपेन शुरू किया है। इससे पहले 21 जून को हाफिज ने इस्लामाबाद में पार्टी दफ्तर का उद्घाटन किया था।
पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट्स के अनुसार हाफिज की पार्टी को मिल्ली मुस्लिम लीग का समर्थन मिला हुआ है। सईद की सियासी पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) के पंजीकरण को चुनाव आयोग ने मंजूरी नहीं दी थी। एएटी चुनाव आयोग में पहले से पंजीकृत है। मिल्ली मुस्लिम लीग को चुनाव आयोग से मंजूरी न मिलने के बाद हाफिज ने एएटी के तहत चुनाव लड़ने का पैंतरा अपनाया। जमात-उद-दावा प्रमुख और आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का संस्थापक सईद खुद चुनाव नहीं लड़ रहा है।
पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव से पहले अमेरिका ने जमात-उद-दावा प्रमुख हाफिज सईद की पार्टी मिल्ली मुस्लिम लीग यानी एमएमएल को विदेशी आतंकी संगठन करार दिया है। वहीं, भारत ने अमेरिकी सरकार के आतंकी हाफिज सईद और उसके राजनीतिक दल को लेकर उठाए कदम का स्वागत किया था। अमेरिकी सरकार ने आतंकी हाफिज सईद, उसके राजनीतिक दल और इसके 7 सदस्यों को लश्कर-ए-तैयबा के समकक्ष रखा है। मिल्ली मुस्लिम लीग हाफिज सईद के नेतृत्व वाले आतंकवादी संगठन जमात- उद दावा का राजनीतिक मोर्चा है।
साथ ही अमेरिका ने तहरीक-ए-आजादी-ए-कश्मीर को भी आतंकवादी समूहों की सूची में शामिल किया है। अमेरिका ने इसके साथ ही एमएमएल के सात सदस्यों को भी विदेशी आतंकवादी घोषित किया है। पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने भी एमएमएल का राजनीतिक दल के रूप में पंजीयन करने से मना कर दिया था। इससे पहले गृह मंत्रालय ने इसका विरोध करते हुए कहा था कि एमएमएल जमात-उद-दावा की एक शाखा है, जिसका नेतृत्व सईद करता है और उस पर संयुक्त राष्ट्र ने प्रतिबंध लगाया है।