नई दिल्ली। सरकार खाने-पीने के सामान में मिलावट करने वालों पर सख्ती से निपटने की तैयारी कर रही है। एफएसएसएआई यानी फूड रेगुलेटर, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकारण ने खाद्य पदार्थों में मिलावट करने वालों को उम्रकैद तक सजा देने की सिफारिश की है। सूत्रों के अनुसार तैयार प्रस्ताव में मिलावट करने करने वालों पर 7 साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा और 10 लाख रुपए तक का जुर्माना देने की सिफारिश की गई है। अब खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में एक्सपोर्टर्स भी आएंगे। फिलहाल एक्सपोर्टर्स पर खाद्य सुरक्षा कानून लागू नहीं है। खाने का सामान इंपोर्ट करने वालों की जिम्मेदारी तय होगी, उपभोक्ता की परिभाषा में भी बदलाव होगा और पशुओं के खाद्य पदार्थ भी कानून के दायरे में आएंगे।
जल्द बनाया जाएगा कानून
सूत्रों के मुताबिक सरकार खाद्य सुरक्षा कानून में बदलाव कर इस प्रस्ताव को लागू करने की तैयारी में है। इस कानून के जल्द आने की संभावना जताई जा रही है। फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी आॅफ इंडिया ने मसौदे पर जनता और संबंधित पक्षों से राय मांगी है। फिलहाल खान-पान की चीजों में मिलावट से मौत होने पर ही उम्रकैद का प्रावधान है।
आ रही हैं कई तरह की शिकायतें
अभी सख्त कानून न होने से देश के हर इलाके में खाद्य पदार्थों और पेयों में मिलावट की खबरें आम हैं। एफएसएसएआई ने खुद अपने सर्वे के जरिए इस बात की तस्दीक की है। मिलावट के मामले आम तौर पर त्यौहारों के मोके पर ज्यादा आते हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ऐसा देश के हर इलाके में हर रोज होता है।
पांच दिन में देनी होगी रिपोर्ट
फूड सेफ्टी को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एक और अहम कदम उठाया है। इसके तहत अब खाद्य पदार्थों की जांच करने वाली लैब्स को पांच दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी होगी। अगर खाद्य या पेय पदार्थों के किसी केमिकल या उसमें जीवाणुओं की जांच करनी हो तो अधिकतम 10 दिन में रिपोर्ट देनी होगी। एफएसएसएआई के इस आदेश से फूड सेफ्टी को बरकरार रखने में बड़ी मदद मिलने के आसार हैं।