नई दिल्ली। राष्ट्रपति भवन में इस बार इफ्तार पार्टी नहीं होगी, क्योंकि राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद नहीं चाहते कि करदाताओं के पैसे से यहां कोई धार्मिक आयोजन किया जाए। राष्ट्रपति के प्रेस सचिव अशोक मलिक ने बुधवार देर रात एक ट्वीट करके कहा कि ‘राष्ट्रपति कोविंद का मानना है कि राष्ट्रपति भवन सार्वजनिक इमारत है और इसमें करदाताओं के पैसे से कोई धार्मिक आयोजन नहीं होगा।’ बकौल मलिक, 2017 में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद ही कोविंद ने इस बात के संकेत दे दिए थे कि सार्वजनिक इमारत होने के नाते राष्ट्रपति भवन में करदाताओं के पैसे से कोई धार्मिक आयोजन नहीं किया जाएगा।
उन्होंने लिखा है, निश्चित तौर पर राष्ट्रपति सभी प्रमुख त्योहारों पर देशवासियों को शुभकामनाएं देते हैं। राष्ट्रपति सम्पदा (प्रेसिडेंट एस्टेट) क्षेत्र में रहने वाले अधिकारी और कर्मचारी निजी तौर पर अपने घर में कोई भी धार्मिक त्योहर मनाने के लिए पूरी तरह स्वतंत्र हैं। प्रेस सचिव ने लिखा है कि प्रेसिडेंट एस्टेट में मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थल मौजूद हैं और प्रमुख त्योहारों के अवसर पर राष्ट्रपति इन स्थलों पर जाकर लोगों को शुभकामनाएं भी देते हैं। उदाहरण के तौर पर, कोविंद हाल ही में रमजान के पवित्र महीने की शुरुआत के अवसर पर मस्जिद गए थे।