नई दिल्ली। सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अफवाह और आतंक फैलाने की लगातार घटनाओं के बाद पीएमओ ने हस्तक्षेप करते हुए इस दिशा में मजबूत कानून और मॉनिटरिंग के लिए गृह मंत्रालय को फौरन पहल करने को कहा है। इसके बाद गृह मंत्रालय ने सभी इंटेलिजेंस यूनिट और राज्य पुलिस के साथ मिलकर इसमें बदलाव लाने के लिए उनसे सुझाव मांगे हैं। यह पहल तब हुई है, जब गृह मंत्रालय को अलग-अलग खुफिया रिपोर्ट में आतंक-अफवाह का रास्ता सोशल मीडिया को बताया गया।
यहीं रखना पड़ सकता है सर्वर
सूत्रों के अनुसार सख्त कानून के लिए आईपीसी की धाराओं में कई बदलाव प्रस्तावित है। सरकार सोशल मीडिया कंपनियों से ऐक्शन में देरी और टालमटोल करने पर भी नाराज है। ऐसे में इन कंपनियों पर देश के अंदर ही अपना सर्वर रखने का दबाव बढ़ सकता है। पिछले दिनों जब फेसबुक का डेटा लीक होने की बात सामने आई थी, तब भी सरकार ने फेसबुक सहित तमाम कंपनियों को देश के अंदर ही देश के लोगों का डेटा रखने की सलाह दी थी।
तरह-तरह की अफवाह
कुछ राज्यों में बच्चा पकड़ने की अफवाह और एनसीआर में बाल कटने जैसी अफवाह को बढ़ाने में खुफिया विभाग ने सोशल मीडिया को ही जिम्मेदार माना है। बच्चा पकड़ने वाली खबर के बाद भीड़ ने कुछ निर्दोषों की हत्या अफवाह के कारण ही कर दी थी।