सिंगापुर। नरेंद्र मोदी पांच दिन का विदेश दौरा पूरा करके सिंगापुर से भारत के लिए रवाना हो गए हैं। इससे पहले शनिवार को वे यहां चांगी नेवल बेस पर तैनात भारतीय जंगी जहाज आईएनएस सतपुड़ा को देखने पहुंचे। वहां भारत और सिंगापुर की नौसेना के अफसरों से मिले। प्रधानमंत्री सुबह चाइना टाउन स्थित देश की सबसे पुरानी चिलुया मस्जिद भी पहुंचे। यह 1974 से राष्ट्रीय स्मारक है। इसके बाद वे दो मंदिर और भारतीय मूल के लोगों की बस्ती लिटिल इंडिया भी पहुंचे।
लिटिल इंडिया में उनका जोरदार स्वागत किया गया। वहीं, शनिवार शाम को मोदी 5 दिन के दौरे के बाद दिल्ली पहुंचे। मोदी ने सिंगापुर स्थित मरिअम्मन मंदिर के दर्शन किए। द्रविडियन शैली का यह मंदिर 1827 में बना था। यह यहां का सबसे प्रचीन मंदिर है। इसके बाद प्रधानमंत्री यहां के प्रसिद्ध बुद्ध टूथ रेलिक टेंपल पहुंचे। कहा जाता है कि यहां भगवान बुद्ध के दांत का एक टुकड़ा रखा है। इसे उत्तर प्रदेश के कुशीनगर से यहां लाया गया था।
मोदी के नाम पर रखा गया फूल का नाम
- मोदी ने शनिवार को बोटेनिकल गार्डन में बने आॅर्किड गार्डन का भी दौरा किया। इस गार्डन को यूनेस्को ने वर्ल्ड हेरिटेज साइट का दर्जा दिया है। मोदी के दौरे की याद के तौर पर गार्डन के एक फूल का नाम डेंडोब्रियम नरेंद्र मोदी रखा गया है।
- मोदी ने शनिवार को ही क्लिफोर्ड पायर में महात्मा गांधी की याद में बनी तख्ती का अनावरण भी किया। ये उन चुनिंदा जगहों में शामिल है, जहां बापू की अस्थियां विसर्जित की गई थीं। 70 साल पहले 1948 में गांधीजी की अस्थियों को भारत के साथ कई देशों में भेजा गया था। सिंगापुर में इन्हें क्लिफोर्ड पायर स्थित बीच पर बहाया गया था।
- इससे पहले शनिवार को ही उन्होंने सिंगापुर के पूर्व प्रधानमंत्री गोह चोक तोंग से भी मुलाकात की। दोनों के बीच आपसी संबंधों को लेकर लंबी चर्चा हुई। बता दें कि गोह सिंगापुर के निमार्ता ली कुआन के बाद 1990 में देश के दूसरे प्रधानमंत्री बने थे। 2004 में सत्ता छोड़ने के बाद वे अभी सरकार में वरिष्ठ मंत्री और सेंट्रल बैंक के वरिष्ठ सलाहकार पद पर हैं।