बीजिंग। दक्षिण चीन सागर में लड़ाकू विमानों, एच-6के बमवर्षकों की तैनाती को लेकर अमेरिका ने कड़ी नाराजगी जताई है। चीनी वायुसेना के मुताबिक एच-6के बमवर्षक समेत उसके कई लड़ाकू विमानों के हाल में संसाधनों से भरपूर दक्षिण चीन सागर के एक द्वीप पर उड़ान भरने और उतरने की ट्रेनिंग दी गई।
सैन्य मामलों के जानकार वांग मिनलियांग का हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा कि बमवर्षक विमानों के उड़ान भरने और उतारने की इस ट्रेनिंग से समुद्र में सभी तरह के खतरों की चुनौतियों से निपटने में फायदा पहुंचा है। पीपुल्स डेली ने शुक्रवार को अपने ट्वीटर अकाउंट पर एक वीडियो पोस्ट किया। इस वीडियो में एच-6के के ट्रेनिंग प्रोग्राम को सिलसिलेवार तरीके से दिखाया गया है।
चीन के इस कदम पर अमेरिका की ओर से तीखी प्रतिक्रिया दी गई, जिसमें कहा गया कि इससे क्षेत्र में तनाव और अस्थिरता पैदा होगी। चीन के इस कदम के बाद अमेरिका ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे तनाव बढ़ेगा और क्षेत्र में अस्थिरता आएगी।
मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक पेंटागन के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्टोफर लोगन ने इस अभ्यास को दक्षिण चीन सागर में चीन का लगातार विवादित सैन्य कार्यक्रम बताया है। जबकि चीन के सैन्?य विशेषज्ञ वांग मिनलियांग ने जानकारी दी कि बमवर्षकों के टेक आॅफ और लैंडिंग प्रशिक्षण से समुद्र की सुरक्षा के प्रति सभी खतरों से मुकाबला के लिए क्षमता में बढ़ोतरी होगी।
वॉशिंगटन में स्टैटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज में चीन के रक्षा विशेषज्ञ बोन्नी ग्लाजर ने बताया एच-6के की लैंडिंग योंगशिंग द्वीप पर होने की संभावना है। ग्लाजर द्वारा दिए गए बयान में कहा गया मेरा मानना है कि दक्षिण चीन सागर में पहली बार बमवर्षक तैनात किया गया है।