नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के दो सबसे सीनियर जजों जस्टिस रंजन गोगोई और मदन बी. लोकुर ने न्यायपालिका के सामने खड़े संस्थागत मुद्दों पर चर्चा के लिए चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा से पूर्ण अदालत की बैठक बुलाने का अनुरोध किया है। यह पत्र प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए विपक्ष की ओर से दिए गए नोटिस को राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू के खारिज करने के एक दिन पहले लिखा गया था।
ऐसा समझा जाता है कि पत्र में उठाए गए मुद्दों पर सोमवार को चाय पर बुलाई गई बैठक में चर्चा हुई थी। इस बैठक में सभी न्यायाधीशों ने हिस्सा लिया था। इसकी वजह से अदालत की कार्यवाही 15 मिनट देरी से शुरू हुई थी। सूत्रों ने बताया कि जस्टिस गोगोई और जस्टिस लोकुर ने 22 अप्रैल को दो लाइन के संयुक्त पत्र पर हस्ताक्षर किए। इसमें उन्होंने 'पूर्ण अदालत' की बैठक बुलाने की बात कही थी।
2 अक्टूबर को रिटायर होंगे मिश्रा
सुप्रीम कोर्ट की परंपरा के अनुसार पूर्ण अदालत की बैठक में सभी जज शामिल होते हैं। इस तरह की बैठक सीजेआई आमतौर पर न्यायपालिका से संबंधित सार्वजनिक महत्व के मामलों पर चर्चा के लिए बुलाते हैं। सूत्रों के मुताबिक सीजेआई ने बैठक के नतीजे और खासतौर पर पूर्ण अदालत की बैठक के संबंध में कुछ भी नहीं कहा। हालांकि जस्टिस गोगोई और लोकुर की राय थी कि महाभियोग के मुद्दे को पीछे छोड़कर आगे बढ़ा जाना चाहिए और सर्वोच्च न्यायपालिका के समक्ष मुद्दों का हल निकालने के लिए न्यायाधीशों के बीच चर्चा होना चाहिए। चीफ जस्टिस मिश्रा 2 अक्टूबर को रिटायर होने वाले हैं और उनके बाद जस्टिस गोगोई अगले सीजेआई हो सकते हैं।