नई दिल्ली। नकदी संकट के लिए सरकार और आरबीआई को जिम्मेदार ठहराते हुए बैंक यूनियन ने हड़ताल की चेतावनी दी है। एआईबीईए यानी आॅल इंडिया बैंक एंप्लॉइज एसोसिएशन ने कहा कि नकदी संकट की वजह से बैंकों के कर्मचारियों को लोगों के गुस्से का सामना करना पड़ रहा है। एसोसिएशन के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने कहा कि ग्राहक हम पर चिल्ला रहे हैं और बैंक कर्मचारियों को गाली दे रहे हैं, जबकि गलती हमारी नहीं है।
केवल बयानबाजी से काम नहीं चलेगा। करेंसी नोटों की सप्लाई के लिए ठोस उपाय करने होंगे। उन्होंने कहा कि अगर स्थिति में जल्द सुधार नहीं किया गया तो देशव्यापी हड़ताल की जाएगी। पिछले कुछ हफ्तों से मध्यप्रदेश, उप्र, गुजरात, राजस्थान, तेलंगाना, आंध्रप्रदेश और कर्नाटक सहित करीब 11 राज्यों में नकदी की दिक्कत हो रही है और बैंकों के एटीएम खाली पड़े हुए हैं। हालांकि आरबीआई और केंद्र सरकार ने नकदी संकट की स्थिति को जल्द ही सुलझाने का आश्वासन दिया है। आरबीआई ने कहा कि वह पांच सौ के नोटों की छपाई को पांच गुना बढ़ा रही है, जिससे स्थिति में जल्द सुधार होगा।
एसबीआई चीफ ने लोगों को बताया जिम्मेदार
भारतीय स्टेट बैंक के अध्यक्ष रजनीश कुमार ने नकदी की समस्या के लिए लोगों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि लोग बैंकों से पैसा निकालने के बाद वापस जमा नहीं करा रहे जो नकदी किल्लत का एक बड़ा कारण है। ऐसे में इतने बड़े देश में कितने भी नोट कम पड़ जाएंगे। पिछली दो तिमाहियों में अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ी है। इससे लोगों ने ज्यादा पैसे निकाले हैं। इसका कोई एक कारण तय कर पाना मुश्किल है और हम सिर्फ अनुमान ही लगा सकते हैं।
नकदी ट्रांसफर पर रोक
कैश की दिक्कत की एक बड़ी वजह यह भी है कि करीब एक महीने पहले रिजर्व बैंक ने बैंकों द्वारा एक सर्कल से दूसरे सर्कल को नकदी ट्रांसफर करने पर रोक लगा दी थी। हालांकि रिजर्व बैंक पहले भी ऐसा करता रहा है, लेकिन इसका नतीजा यह हुआ कि किसी बैंक के कुछ इलाकों के ब्रांच में जरूरत से ज्यादा नकदी पड़ी रही तो कुछ में कैश की भारी तंगी हो गई।
महंगा हो जाएगा एटीएम से ट्रांजेक्शन
पांच से अधिक एटीएम ट्रांजेक्शन करने वाले ग्राहकों को आगे चलकर 20 रुपए प्रति ट्रांजेक्शन खर्च करने होंगे। वर्तमान में सभी बैंक एटीएम पर होने वाले कैश ट्रांजेक्शन के लिए 15 रुपए और नॉन कैश ट्रांजेक्शन करने पर खाते से पांच रुपये काटते हैं। यह चार्ज हर महीने फ्री में मिलने वाले ट्रांजेक्शन के ऊपर लगता है। इसके लिए आरबीआई ने कड़े नियम बना दिए हैं। आरबीआई ने बैंकों से कहा है कि वो नए नियमों को जुलाई तक लागू कर दें।
सरकार का दावा, 80 फीसदी से ज्यादा
वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने दावा किया है कि नकदी का कोई संकट नहीं है, देश के 80 फीसदी से ज्यादा एटीएम पैसों से भरे हैं। कुछ लोगों के अंदर जनता को भ्रमित करने की आदत होती है। आरबीआई संकट से निपटने के लिए कैश फ्लो बढ़ाने का दावा कर रहा है। एसबीआई और सरकार के मुताबिक, शुक्रवार तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।
पीओएस से कैश निकालने की सुविधा
स्टेट बैंक ने कैश निकालने के लिए नई सुविधा दी है। अब अगर किसी को कैश निकालना है तो वह स्टेट बैंक द्वारा मर्चेंट्स के यहां लगाई गई पॉइंट आॅफ सेल मशीन से निकाल सकता है। बैंक के मुताबिक, वन और टू टियर सिटी में 1,000 रुपए तक रोजाना कैश निकाल सकते हैं। इसके अलावा 3 से 6 टियर सिटी में रोजाना एक कार्ड से 2,000 रुपए निकाल सकते हैं।
आईटी की छापेमारी
कैश संकट के चलते आयकर विभाग ने दो हजार रुपए की जमाखोरी की सूचना पर कर्नाटक और आंध्रप्रदेश में 35 जगहों पर छापेमारी की। टैक्स अथॉरिटीज यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि इस जमाखोरी का कर्नाटक, आंध्रप्रदेश और तेलंगाना चुनाव से कोई लिंक तो
नहीं है।