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नवजोत सिंह सिद्धू मामले में सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 18 2018 2:29PM | Updated Date: Apr 18 2018 2:29PM
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नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने 1988 के पटियाला रोडरेज मामले में पंजाब के कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू और उनके साथी रुपिंदर सिंह सिद्धू की अपील पर बुधवार को फैसला सुरक्षित रख लिया।  सिद्धू की ओर से उनके वकील आरएस चीमा ने पक्ष रखा। वह कल बहस पूरी नहीं कर सके थे, लेकिन उन्होंने अपना पूरा पक्ष रखा। इसके बाद शीर्ष अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। चीमा ने पंजाब सरकार के वकील द्वारा  सिद्धू को हत्या का दोषी बताये जाने का विरोध किया। सर्वोच्च न्यायालय यह तय करेगा कि  सिद्धू की सजा बरकरार रहेगी या नहीं। इस मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पूर्व क्रिकेटर को तीन साल की सजा सुनाई थी। इस मामले पर अब पूरे पंजाब की नजरें टिक गई हैं। गत 12 अप्रैल को हुई सुनवाई के दौरान  सिद्धू को उस वक्त करारा झटका लगा था, जब राज्य सरकार ने पूर्व क्रिकेटर को रोडरेज की घटना में दोषी बताया था।

पंजाब सरकार के वकील ने कहा था कि वर्ष 2006 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से  सिद्धू को मिली सजा को बरकरार रखा जाये। राज्य सरकार के वकील ने कहा था कि इस मामले में शामिल नहीं होने का  सिद्धू का बयान झूठा था। उल्लेखनीय है कि  सिद्धू के ख़लिाफÞ गÞैर-इरादतन हत्या का मामला है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद  सिद्धू ने सजा के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की थी। इसी अपील पर सुनवाई हो रही है।

वर्ष 1988 में सिद्धू का पटियाला में कार से जाते समय गुरनाम सिंह नामक बुजर्ग व्यक्ति से झगड़ा हो गया। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने नवजोत सिंह सिद्धू और उनके दोस्त रुंिपदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया। बाद में निचली अदालत ने  सिद्धू को बरी कर दिया था।

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