ढाका। बांग्लादेश की हाई कोर्ट ने रेप पीड़िता को अपमानित करने वाले टू फिंगर टेस्ट पर रोक लगाते हुए कहा है कि इसका कोई वैज्ञानिक और कानूनी आधार नहीं है। अटॉर्नी जनरल के आॅफिस के प्रवक्ता ने कहा पांच साल पुरानी याचिका पर कोर्ट ने व्यवस्था दी कि मुकद्दमे की सुनवाई के दौरान वकील पीड़िता से ऐसा कोई सवाल नहीं कर सकता, जिससे उसकी गरिमा को ठेस पहुंचे।
कोर्ट ने स्वास्थ्य देखभाल प्रोटोकॉल का भी कड़ाई से पालन करने को कहा। जस्टिस गोबिंदचंद्र टैगोर और एकेएम शाहिद-उल-हक की दो सदस्य बेंच ने एक परिपत्र जारी करने के निर्देश दिए ताकि निचली अदालतों के जज और बलात्कार के मामलों के जांच अधिकारी आदेश का पालन कर सकें।