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सीरिया में अब आतंक के धमाके नहीं सजेगी हंसी-ठहाकों की महफिल

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Apr 4 2018 10:32AM | Updated Date: Apr 4 2018 10:32AM
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दमिश्क। सीरिया को लेकर बीते एक सप्ताह में जिस तेजी से वैश्विक मंच पर राजनीतिक, कूटनीतिक और रणनीतिक हालात बदले हैं, उनसे भविष्य में सकारात्मक परिणाम आने की उम्मीद जागी है। बीते सप्ताह अमेरिका ने सीरिया को लेकर बड़ा फैसला लिया और अपनी फौज को वहां से वापस बुलाने की घोषणा की। इसके अलावा दो दिन पहले ही दमिश्क और पूर्वी घौटा को लेकर विद्रोही लड़ाकों और सरकार के बीच जो ऐतिहासिक समझौता हुआ उसके बाद यहां बंदूकों का शोर थम गया और फिर से खुशहाली की उम्मीद जगा दी है। लड़ाकों और सरकार के बीच हुए फैसले के बाद विद्रोहियों ने पूर्वी घौटा से रवानगी शुरू कर दी है। करीब 40 बसों में भरकर विद्रोही लड़ाके यहां से बाहर जा रहे हैं।
 
तुर्की, रूस और ईरान की अहम बैठक
इस बीच सीरिया को लेकर तीसरी बड़ी खबर यह सामने आई है कि तुर्की, ईरान और रूस के बीच इस सप्ताह एक अहम बैठक होने वाली है, जिसमें सीरिया के भविष्य को लेकर चर्चा होना है। यह बैठक इस लिहाज से भी बेहद खास है, क्योंकि इसमें सीरिया में शांति स्थापना को लेकर बात होगी। दूसरा, ये तीनों देश ऐसे हैं, जिन्होंने सीरिया में मोर्चा खोल रखा है। यदि इस बैठक के दौरान तुर्की और ईरान युद्धविराम और वहां से बाहर निकलने पर राजी हो जाते हैं तो यह सीरिया के पक्ष में बड़ा फैसला होगा। इस बैठक में भाग लेने वाला तीसरा देश रूस, सीरियाई सरकार का बड़ा समर्थक रहा है और करीब 45 वर्षों से सीरिया में वहां की सरकार की मंजूरी के साथ मौजूद है।
 
सीरिया के लिए अच्छी और बड़ी खबरें
सीरिया के वरिष्ठ पत्रकार वईल अवाद ने माना कि ये तीनों खबरें सीरिया के लिए बेहद सकारात्मक हैं, जिनका परिणाम भी जल्द ही सामने दिखाई देगा। उनके मुताबिक ट्रंप ने अमेरिकी फौज को सीरिया से बाहर निकालने का जो फैसला लिया है, उसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। इससे यकीनन सीरिया में शांति कायम होने की उम्मीद को बल मिला है। दूसरा, विद्रोहियों के साथ हुआ फैसला भी शांति की राह में काफी बड़ा समझौता है। इसका असर भी दमिश्क और पूर्वी घौटा में दिखाई देने लगा है।
 
विद्रोहियों के जाने के साथ-साथ यहां गोलियों और बमों के धमाकों का शोर थमने लगा है, जबकि पहले यहां हर रोज कम से कम एक रॉकेट लांचर तो गिरता ही था और गोलियों की तो कोई गिनती ही नहीं थी। रोज कई बेगुनाह लोग मारे जाते थे। अब शांति का माहौल है और स्थानीय लोग इस फैसले से बेहद खुश हैं। 
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