नई दिल्ली। राज्यसभा चुनाव में बीएसपी उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर की हार के बाद पार्टी सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को अपने आवास पर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ लखनऊ में एक बैठक बुलाई है। माना जा रहा है कि इस बैठक में मायावती बसपा कॉआर्डिनेटरों से सपा-बसपा गठबंधन को लेकर फीडबैक लेंगी।
बैठक में सूबे की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि मोदी सरकार ने अपने कार्यकाल में सिर्फ दलितों के साथ नाटक किया है। पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि मोदी भले ही मन की बात में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर का जिक्र करते है। लेकिन उनकी मानसिकता बाबा साहेब के लिए बिलकुल विपरीत थी। यही कारण ता कि बीजेपी-आरएसएस पिछले दशकों में सत्ता से बाहर थी।
उन्होंने केंद्र के साथ-साथ राज्य सरकार भी दलितों के सम्मानों में अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो अम्बेडकर के नाम का जिक्र करते हैं, लेकिन उन वर्गों से जुड़े लोगों पर हमला करते हैं। बकौल मायावती, राज्यसभा चुनाव में बसपा उम्मीदवार भीमराव अंबेडकर को हारने के लिए भाजपा ने एक अतिरिक्त सीट पेशकर यह साबित कर दिया है। उन्होंने कहा कि बीएसपी-सपा स्वार्थी जरूरतों को पूरा करने के लिए नहीं,बल्कि भाजपा के कुशासन के खिलाफ लड़ रही है।
मालूम हो, सपा-बसपा के बीच पिछले 23 साल बाद रिश्ते बेहतर हो रहे हैं। हाल ही में फुलपुर-गोरखपुर लोकसभा उपचुनाव में बसपा ने सपा उम्मीदवारों को समर्थन किया था। इसका नतीजा रहा है कि दोनों सीटों पर सपा उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी।